UP Election 2022: अमेठी की 5 विधानसभा सीटों पर जीतने वालों का लंबा इतिहास; इस बार दावेदार कई, लेकिन मुकाबला कड़ा

UP Election 2022: अमेठी की 5 विधानसभा सीटों पर जीतने वालों का लंबा इतिहास; इस बार दावेदार कई, लेकिन मुकाबला कड़ा

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स्मृति ईरानी के अपर सचिव विजय गुप्ता ने कहा कि अमेठी लोकसभा क्षेत्र की पांचों विधानसभा सीटों पर कमल खिलेगा, जबकि प्रियंका गांधी अमेठी रायबरेली की सभी दस सीटों पर जीत हासिल करने का दावा रायबरेली में कर चुकी हैं।

Amethi Assembly Election: केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के संसदीय क्षेत्र अमेठी के सदर विधानसभा में 1952 से लेकर अब तक 18 विधायक बन चुके हैं। इसमें एक महिला 17 पुरुष है। बाकी 16 राजपूत, एक ब्राह्मण और एक मुस्लिम समाज के थे। भाजपा से अकेले तेजभान सिंह 4 बार विधायक चुने गए थे। जबकि कांग्रेस से राजपति सिंह 5 बार, गुरु प्रसाद सिंह दो बार, नूर मोहम्मद कांग्रेस, जंग बहादुर सिंह बसपा और चंद्र प्रकाश मिश्र बसपा से विधायक बने थे। सपा से दो बार अकेले राकेश सिंह विधायक बने हैं। गिरिराज सिंह और रुद्र प्रताप सिंह दोनों निर्दल विधायक चुने गए थे।

रुद्र प्रताप सिंह, गिरिराज सिंह,जंग बहादुर सिंह, चंद्र प्रकाश मिश्र और नूर मोहम्मद एक – एक बार ही विधायक बने हैं। जबकि गुरु प्रसाद सिंह, राकेश सिंह दो – दो बार,राजपति 5 बार और तेजभान सिंह 4 बार विधायक बने हैं। गुरु प्रसाद सिंह 1952 का पहला और 1957 का दोनों चुनाव कांग्रेस से जीते थे। रुद्र प्रताप सिंह 1962 में और गिरिराज सिंह 1967 में दोनों कांग्रेस को हराकर चुनाव निशान साइकिल पर निर्दल विधानसभा गए थे। गौरीगंज विधानसभा की पहली महिला राजपती सिंह 1969,1974,1980,1985 और 1989 में 5 बार कांग्रेस से विधायक चुनी गई थी।

तेजभान सिंह 1977,1991,1993 और 1996 में चार बार भाजपा से विधायक बने थे। नूर मोहम्मद 2002 में कांग्रेस से गौरीगंज के पहले मुस्लिम विधायक चुने गए थे। लेकिन बीच में आकस्मिक निधन के बाद उप चुनाव में बसपा के जंग बहादुर सिंह जीते थे। चंद्र प्रकाश मिश्र 2007 में बसपा से पहले ब्राह्मण विधायक चुने गए थे। राकेश सिंह 2012 और 2017 में साइकिल पर सवार होकर विधानसभा गए थे। लेकिन दो सड़कों की मरम्मत को लेकर राकेश सिंह विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र दे चुके हैं।

2022 में नए विधायक के लिए दो सौ से ज्यादा दावेदार उम्मीदवार टिकट के जुगाड़ में लगे हैं। ब्राह्मण मतदाताओं की भूमिका निर्णायक मानी जाती है। भाजपा के पूर्व प्रवक्ता गोबिंद सिंह चौहान ने कहा कि टिकट के सबसे ज्यादा दावेदार भाजपा में है। टिकट मिलने के बाद योगी और मोदी के नाम पर नैया पार हो जाएंगी। चौहान खुद टिकट की कतार में खड़े हैं।आलोक ढाबे के ज्ञान सिंह संघ से जुड़े हैं। गौरीगंज में संघ कार्यालय के लिए करोड़ों रुपए की जमीन के साथ बैनामे की खर्च तक दे चुके हैं।

अमेठी लोकसभा में 5 विधानसभा सीटें हैं। इसमें सलोन, जगदीशपुर, तिलोई और अमेठी में भाजपा के विधायक जीते थे। लेकिन गौरीगंज में दो बार से सपा का कब्जा था। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की पैनी नजर अमेठी और गौरीगंज दोनों पर है। राम लीला मैदान के कंबल वितरण समारोह में स्मृति ने कहा था कि 2019 में कांग्रेस का सफाया हो चुका है। 2022 के विधानसभा चुनाव में अमेठी से सपा का सफाया हो जाएगा। इसके पहले राजेश मसाला गौरीगंज में जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी संभाल चुके हैं। जबकि पहले जिला पंचायत की कमान सपा के पास थी।

स्मृति ईरानी के अपर सचिव विजय गुप्ता ने कहा कि अमेठी लोकसभा क्षेत्र की पांचों विधानसभा सीटों पर कमल खिलेगा। संगठन से जुड़े एक पदाधिकारी ने बताया कि भाजपा एक सीट पर राजेश मसाला के उम्मीदवारी का मन बना चुकी है। बाकी चार जिताऊ उम्मीदवारों पर जमीनी पड़ताल हो चुकी है। जबकि प्रियंका गांधी अमेठी रायबरेली की सभी दस सीटों पर जीत हासिल करने का दावा रायबरेली में कर चुकी हैं। इसके लिए सोनिया गांधी के प्रतिनिधि केएल शर्मा रायबरेली में डेरा डाल रखा है।

इनके साथ वीके शुक्ल,कण्याण सिंह गांधी, राजेश श्रीवास्तव और रोहित सिंह डटे हैं। इस बीच जेल में बंद पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति की अमेठी सीट पर मंत्री के चुनावी कमांडर अमरेंद्र सिंह पिंटू जनता की अदालत में खड़े हैं। पिंटू के चुनावी मैदान में आने से भाजपा नए समीकरण की तलाश में जुटी है। इसमें राजेश मसाला का नाम तेजी से चल रहा है।

स्मृति ईरानी के अपर सचिव विजय गुप्ता ने कहा कि अमेठी लोकसभा क्षेत्र की पांचों विधानसभा सीटों पर कमल खिलेगा, जबकि प्रियंका गांधी अमेठी रायबरेली की सभी दस सीटों पर जीत हासिल करने का दावा रायबरेली में कर चुकी हैं। Amethi Assembly Election: केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के संसदीय क्षेत्र अमेठी के सदर विधानसभा में 1952 से लेकर अब तक 18 विधायक बन चुके हैं। इसमें एक महिला 17 पुरुष है। बाकी 16 राजपूत, एक ब्राह्मण और एक मुस्लिम समाज के थे। भाजपा से अकेले तेजभान सिंह 4 बार विधायक चुने गए थे। जबकि कांग्रेस से राजपति सिंह 5 बार, गुरु प्रसाद सिंह दो बार, नूर मोहम्मद कांग्रेस, जंग बहादुर सिंह बसपा और चंद्र प्रकाश मिश्र बसपा से विधायक बने थे। सपा से दो बार अकेले राकेश सिंह विधायक बने हैं। गिरिराज सिंह और रुद्र प्रताप सिंह दोनों निर्दल विधायक चुने गए थे। रुद्र प्रताप सिंह, गिरिराज सिंह,जंग बहादुर सिंह, चंद्र प्रकाश मिश्र और नूर मोहम्मद एक – एक बार ही विधायक बने हैं। जबकि गुरु प्रसाद सिंह, राकेश सिंह दो – दो बार,राजपति 5 बार और तेजभान सिंह 4 बार विधायक बने हैं। गुरु प्रसाद सिंह 1952 का पहला और 1957 का दोनों चुनाव कांग्रेस से जीते थे। रुद्र प्रताप सिंह 1962 में और गिरिराज सिंह 1967 में दोनों कांग्रेस को हराकर चुनाव निशान साइकिल पर निर्दल विधानसभा गए थे। गौरीगंज विधानसभा की पहली महिला राजपती सिंह 1969,1974,1980,1985 और 1989 में 5 बार कांग्रेस से विधायक चुनी गई थी। तेजभान सिंह 1977,1991,1993 और 1996 में चार बार भाजपा से विधायक बने थे। नूर मोहम्मद 2002 में कांग्रेस से गौरीगंज के पहले मुस्लिम विधायक चुने गए थे। लेकिन बीच में आकस्मिक निधन के बाद उप चुनाव में बसपा के जंग बहादुर सिंह जीते थे। चंद्र प्रकाश मिश्र 2007 में बसपा से पहले ब्राह्मण विधायक चुने गए थे। राकेश सिंह 2012 और 2017 में साइकिल पर सवार होकर विधानसभा गए थे। लेकिन दो सड़कों की मरम्मत को लेकर राकेश सिंह विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र दे चुके हैं। 2022 में नए विधायक के लिए दो सौ से ज्यादा दावेदार उम्मीदवार टिकट के जुगाड़ में लगे हैं। ब्राह्मण मतदाताओं की भूमिका निर्णायक मानी जाती है। भाजपा के पूर्व प्रवक्ता गोबिंद सिंह चौहान ने कहा कि टिकट के सबसे ज्यादा दावेदार भाजपा में है। टिकट मिलने के बाद योगी और मोदी के नाम पर नैया पार हो जाएंगी। चौहान खुद टिकट की कतार में खड़े हैं।आलोक ढाबे के ज्ञान सिंह संघ से जुड़े हैं। गौरीगंज में संघ कार्यालय के लिए करोड़ों रुपए की जमीन के साथ बैनामे की खर्च तक दे चुके हैं। अमेठी लोकसभा में 5 विधानसभा सीटें हैं। इसमें सलोन, जगदीशपुर, तिलोई और अमेठी में भाजपा के विधायक जीते थे। लेकिन गौरीगंज में दो बार से सपा का कब्जा था। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की पैनी नजर अमेठी और गौरीगंज दोनों पर है। राम लीला मैदान के कंबल वितरण समारोह में स्मृति ने कहा था कि 2019 में कांग्रेस का सफाया हो चुका है। 2022 के विधानसभा चुनाव में अमेठी से सपा का सफाया हो जाएगा। इसके पहले राजेश मसाला गौरीगंज में जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी संभाल चुके हैं। जबकि पहले जिला पंचायत की कमान सपा के पास थी। स्मृति ईरानी के अपर सचिव विजय गुप्ता ने कहा कि अमेठी लोकसभा क्षेत्र की पांचों विधानसभा सीटों पर कमल खिलेगा। संगठन से जुड़े एक पदाधिकारी ने बताया कि भाजपा एक सीट पर राजेश मसाला के उम्मीदवारी का मन बना चुकी है। बाकी चार जिताऊ उम्मीदवारों पर जमीनी पड़ताल हो चुकी है। जबकि प्रियंका गांधी अमेठी रायबरेली की सभी दस सीटों पर जीत हासिल करने का दावा रायबरेली में कर चुकी हैं। इसके लिए सोनिया गांधी के प्रतिनिधि केएल शर्मा रायबरेली में डेरा डाल रखा है। इनके साथ वीके शुक्ल,कण्याण सिंह गांधी, राजेश श्रीवास्तव और रोहित सिंह डटे हैं। इस बीच जेल में बंद पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति की अमेठी सीट पर मंत्री के चुनावी कमांडर अमरेंद्र सिंह पिंटू जनता की अदालत में खड़े हैं। पिंटू के चुनावी मैदान में आने से भाजपा नए समीकरण की तलाश में जुटी है। इसमें राजेश मसाला का नाम तेजी से चल रहा है।

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