
अमनदीप ने कहा ‘मुझ पर टीकरी सरहद पर मिले अपने समर्थकों की ओर से चुनाव लड़ने का इस कदर दबाव था कि मुझे उनकी बात सुननी पड़ी।
जब डा अमनदीप कौर ढोलेवाल (37) ने टीकरी सरहद पर किसानों के लिए स्वास्थ्य जांच शिविर लगाने शुरू किए थे तब उन्हें शायद यह अहसास नहीं रहा होगा कि एक दिन यह नेक पेशा छोड़कर उन्हें राजनीति में उतरना होगा। वह दरअसल, संयुक्त संघर्ष मोर्चा-एसएसएम की ओर से अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हलका बस्सी पठाना से प्रत्याशी बनाई गईं हैं। अपने हलके में चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने बताया, ‘चूंकि, मेरे पिता संघ नेता हैं, इसलिए यह लड़ाई तो मेरे खून में है। जनवरी में मैंने चंडीगढ़ स्थित सेक्टर-26 की पुलिस लाइंस अस्पताल में बतौर मेडिकल अफसर की नौकरी छोड़ देने का फैसला किया था।’
उन्होंने कहा, ‘मुझ पर टीकरी सरहद पर मिले अपने समर्थकों की ओर से चुनाव लड़ने का इस कदर दबाव था कि मुझे उनकी बात सुननी पड़ी। हालांकि, मैं अब अपनी नई पारी के लिए ही समर्पित हूं। हमारा लक्ष्य बदलाव लाना है। इस गांव के बाशिंदों की मांग अब भी केवल गली और नाली की है जो बड़े अफसोस की बात है। प्रदेश में यहां शिक्षा की कोई व्यवस्था नहीं की गई, न ही कोई स्वास्थ्य सुविधा ही है। अब तक गांववासी अपने निर्वाचित प्रतिनिधियों से यह सब मांगते आए हैं लेकिन किसी ने एक न सुनी।’
डा अमनदीप कौर रोज शाम 5:00 बजे तक कम से कम 16-17 गांवों का दौरा करती हैं और बस्सी पठाना व खमाणो के घर-घर प्रचार के लिए जाती हैं। उनका कहना है कि परंपरागत दलों के प्रत्याशियों का मुकाबला करना मुश्किल है। उनका कहना है, ‘हमारे पास न तो नेताओं जैसी गुुंडई है और न ही चुनाव में बहाने के लिए पैसा। हम अभी उतने स्थापित नेता भी नहीं लेकिन हम अपनी ओर से कोशिश पूरी कर रहे हैं और मुझे जनता का बड़ा प्यार मिल रहा है। हमारे पास उतना रुपया-पैसा नहीं है और प्रचार में रकम तो खर्च होती ही है। लेकिन हमारे स्वयंसेवियों ने यह जिम्मा अपने कंधों पर ले रखा है और वाहनों आदि का बंदोबस्त भी स्वयं कर रहे हैं और गांवों में जनसभाएं भी वही कराते हैं।’
डा ढोलेवाल का कहना है, हमारा मुख्य मुकाबला ‘आप’ से है। मैं लोगों को बताती हूं कि कैसे इनके लोग हमें टीकरी सरहद पर लगाए किसान मोर्चा स्थल पर आकर तंग करते थे। खमाणो के समीप गांव ठीकरीवाल में चंद लोगों की जनसभा में डा ढोलेवाल ने कहा, हमारे बच्चे विदेश पलायन कर रहे हैं क्योंकि यहां काम ही नहीं। भूजल भी रसातल में जा रहा है। हमें दो ही फसलों पर एमएसपी दी जाती है। राजनीतिक दलों के चुनावी एजंडों में से यह मसले गायब हैं। इन सबका केवल एक ही एजंडा है- मुख्यमंत्री का चेहरा। बस पंजाब, हमारी मातृभूमि, मां बोली, हमारे पानी के लिए ही हमारी यह लड़ाई है। अन्य राजनीतिक दल आपको लड़ाएंगे लेकिन हम ऐसा एकमात्र दल हैं जो आपको पंजाब के लिए एकजुट होने की दुहाई दे रहा है।
अमनदीप ने कहा ‘मुझ पर टीकरी सरहद पर मिले अपने समर्थकों की ओर से चुनाव लड़ने का इस कदर दबाव था कि मुझे उनकी बात सुननी पड़ी। जब डा अमनदीप कौर ढोलेवाल (37) ने टीकरी सरहद पर किसानों के लिए स्वास्थ्य जांच शिविर लगाने शुरू किए थे तब उन्हें शायद यह अहसास नहीं रहा होगा कि एक दिन यह नेक पेशा छोड़कर उन्हें राजनीति में उतरना होगा। वह दरअसल, संयुक्त संघर्ष मोर्चा-एसएसएम की ओर से अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हलका बस्सी पठाना से प्रत्याशी बनाई गईं हैं। अपने हलके में चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने बताया, ‘चूंकि, मेरे पिता संघ नेता हैं, इसलिए यह लड़ाई तो मेरे खून में है। जनवरी में मैंने चंडीगढ़ स्थित सेक्टर-26 की पुलिस लाइंस अस्पताल में बतौर मेडिकल अफसर की नौकरी छोड़ देने का फैसला किया था।’ उन्होंने कहा, ‘मुझ पर टीकरी सरहद पर मिले अपने समर्थकों की ओर से चुनाव लड़ने का इस कदर दबाव था कि मुझे उनकी बात सुननी पड़ी। हालांकि, मैं अब अपनी नई पारी के लिए ही समर्पित हूं। हमारा लक्ष्य बदलाव लाना है। इस गांव के बाशिंदों की मांग अब भी केवल गली और नाली की है जो बड़े अफसोस की बात है। प्रदेश में यहां शिक्षा की कोई व्यवस्था नहीं की गई, न ही कोई स्वास्थ्य सुविधा ही है। अब तक गांववासी अपने निर्वाचित प्रतिनिधियों से यह सब मांगते आए हैं लेकिन किसी ने एक न सुनी।’ डा अमनदीप कौर रोज शाम 5:00 बजे तक कम से कम 16-17 गांवों का दौरा करती हैं और बस्सी पठाना व खमाणो के घर-घर प्रचार के लिए जाती हैं। उनका कहना है कि परंपरागत दलों के प्रत्याशियों का मुकाबला करना मुश्किल है। उनका कहना है, ‘हमारे पास न तो नेताओं जैसी गुुंडई है और न ही चुनाव में बहाने के लिए पैसा। हम अभी उतने स्थापित नेता भी नहीं लेकिन हम अपनी ओर से कोशिश पूरी कर रहे हैं और मुझे जनता का बड़ा प्यार मिल रहा है। हमारे पास उतना रुपया-पैसा नहीं है और प्रचार में रकम तो खर्च होती ही है। लेकिन हमारे स्वयंसेवियों ने यह जिम्मा अपने कंधों पर ले रखा है और वाहनों आदि का बंदोबस्त भी स्वयं कर रहे हैं और गांवों में जनसभाएं भी वही कराते हैं।’ डा ढोलेवाल का कहना है, हमारा मुख्य मुकाबला ‘आप’ से है। मैं लोगों को बताती हूं कि कैसे इनके लोग हमें टीकरी सरहद पर लगाए किसान मोर्चा स्थल पर आकर तंग करते थे। खमाणो के समीप गांव ठीकरीवाल में चंद लोगों की जनसभा में डा ढोलेवाल ने कहा, हमारे बच्चे विदेश पलायन कर रहे हैं क्योंकि यहां काम ही नहीं। भूजल भी रसातल में जा रहा है। हमें दो ही फसलों पर एमएसपी दी जाती है। राजनीतिक दलों के चुनावी एजंडों में से यह मसले गायब हैं। इन सबका केवल एक ही एजंडा है- मुख्यमंत्री का चेहरा। बस पंजाब, हमारी मातृभूमि, मां बोली, हमारे पानी के लिए ही हमारी यह लड़ाई है। अन्य राजनीतिक दल आपको लड़ाएंगे लेकिन हम ऐसा एकमात्र दल हैं जो आपको पंजाब के लिए एकजुट होने की दुहाई दे रहा है।