
अखिलेश यादव को बचपन में टीपू नाम से पुकारा जाता था। यह नाम उनके पिता और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के करीबी दोस्त दर्शन सिंह ने उन्हें दिया था। अखिलेश के इस नाम के पीछे एक दिलचस्प किस्सा है।
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अखिलेश यादव
अखिलेश का 1 जुलाई 1973 में जब जन्म हुआ था, तब उनके पिता मुलायम सिंह यादव के दोस्त दर्शन सिंह सैफई के ग्राम प्रधान थे। जब वे मुलायम के घर आए तो अखिलेश को देखते ही उन्होंने कहा था, ‘मुलायम के घर टीपू सुलतान आया है।’ उन्होंने शिशु अखिलेश को टीपू कहकर पुकारा। गांव के अन्य लोगों को नाम समझ में नहीं आया। इस पर दर्शन सिंह ने सभी को टीपू सुलतान की कहानी सुनाई। अखिलेश का नाम टीपू पड़ गया तो परिवार ने उनके नामकरण संस्कार की जरूरत नहीं समझी। काफी समय तक उन्हें टीपू नाम से ही पुकारा जाता रहा।
बात तब की है, जब 4 साल के अखिलेश को स्कूल जाना हुआ। मुलायम के करीबी एसएन तिवारी उनका दाखिला कराने के लिए स्कूल लेकर गए तो वहां के प्रिंसिपल ने उनसे उनका नाम पूछा। अखिलेश ने बताया कि उनका नाम टीपू है। अध्यापक हैरान रह गए और कहा कि टीपू नाम तो फॉर्म में नहीं लिखा जा सकता। इसके बाद उन्होंने कई नाम सुझाए, जिसमें से बालक टीपू को अखिलेश नाम खूब पसंद आया। फॉर्म में उनका नाम अखिलेश यादव रख दिया गया। इसके बाद से ही टीपू अखिलेश यादव हो गए।
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Web Title : akhilesh yadav sp chief called tipu in childhood know what is story
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अखिलेश यादव को बचपन में टीपू नाम से पुकारा जाता था। यह नाम उनके पिता और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के करीबी दोस्त दर्शन सिंह ने उन्हें दिया था। अखिलेश के इस नाम के पीछे एक दिलचस्प किस्सा है।अखिलेश यादवलखनऊः उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव का चौथा चरण अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी के लिए किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है। इस चरण में मैनपुरी और इटावा में चुनाव होना है, जिसे सपा का गढ़ कहा जाता है। इटावा जिले में ही सैफई है, जो मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव का गांव है। मैनपुरी जिले के करहल से अखिलेश चुनाव लड़ रहे हैं। यादवलैंड कहे जाने वाले इस इलाके में भी पिछले चुनाव की मोदी लहर ने सेंधमारी की थी। ऐसे में ‘टीपू’ को यूपी का ‘सुलतान’ बनने के लिए इस बार अपने गढ़ को बीजेपी की लहर से बचाने की बड़ी चुनौती है।साल 2012 के चुनाव में जब अखिलेश यादव के नेतृत्व में प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार बनी थी, तब कई मीडिया संस्थानों ने ‘टीपू’ के ‘सुलतान’ बनने के जुमले का जोर-शोर से इस्तेमाल किया था। अखिलेश जब छोटे थे, तब उन्हें इसी टीपू नाम से बुलाया जाता था, जो अब भी कभी-कभी उनके संबोधन के बतौर इस्तेमाल कर लिया जाता है। मुलायम सिंह यादव के बड़े बेटे के टीपू से अखिलेश बनने की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है।अखिलेश का 1 जुलाई 1973 में जब जन्म हुआ था, तब उनके पिता मुलायम सिंह यादव के दोस्त दर्शन सिंह सैफई के ग्राम प्रधान थे। जब वे मुलायम के घर आए तो अखिलेश को देखते ही उन्होंने कहा था, ‘मुलायम के घर टीपू सुलतान आया है।’ उन्होंने शिशु अखिलेश को टीपू कहकर पुकारा। गांव के अन्य लोगों को नाम समझ में नहीं आया। इस पर दर्शन सिंह ने सभी को टीपू सुलतान की कहानी सुनाई। अखिलेश का नाम टीपू पड़ गया तो परिवार ने उनके नामकरण संस्कार की जरूरत नहीं समझी। काफी समय तक उन्हें टीपू नाम से ही पुकारा जाता रहा।बात तब की है, जब 4 साल के अखिलेश को स्कूल जाना हुआ। मुलायम के करीबी एसएन तिवारी उनका दाखिला कराने के लिए स्कूल लेकर गए तो वहां के प्रिंसिपल ने उनसे उनका नाम पूछा। अखिलेश ने बताया कि उनका नाम टीपू है। अध्यापक हैरान रह गए और कहा कि टीपू नाम तो फॉर्म में नहीं लिखा जा सकता। इसके बाद उन्होंने कई नाम सुझाए, जिसमें से बालक टीपू को अखिलेश नाम खूब पसंद आया। फॉर्म में उनका नाम अखिलेश यादव रख दिया गया। इसके बाद से ही टीपू अखिलेश यादव हो गए।Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म… पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐपलेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें Web Title : akhilesh yadav sp chief called tipu in childhood know what is storyHindi News from Navbharat Times, TIL Network