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- Meteorological Department Has Been Issuing Monsoon Forecasts On The Basis Of Different Models|rarely It Happens When Its Prediction Is Correct| Report Of Meteorological Department Forecast
नई दिल्ली3 घंटे पहले
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मौसम विभाग 1988 से अलग-अलग मॉडल के आधार पर मानसून का पूर्वानुमान जारी कर रहा है। बहुत कम ऐसा होता है जब उसकी भविष्यवाणी सही होती है, लेकिन ज्यादातर मौकों पर मौसम विभाग की भविष्यवाणी गलत साबित हुई है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, 1988 से लकेर अब तक 18 बार उसकी भविष्यवाणी गलत साबित हुई है। जबकि विभाग पूर्वानुमान में 5% तक कम/ज्यादा की गुंजाइश बताता है। फिर भी 48% भविष्यवाणियां गलत रहीं। हालांकि, मौसम विभाग का कहना है कि पिछले 15 सालों में उसके पूर्वानुमान में पहले के मुकाबले सुधार आया है।
मौसम पूर्वानुमान एक इंटरनेशनल प्रैक्टिस- मृत्युंजय महापात्र
पिछले 34 सालों यानी 1988 से 2021 के बीच दो बार (1994, 2002) पूर्वानुमान में 20% से भी ज्यादा अंतर रहा। 6 बार यह अंतर 10 से 15% के बीच और 10 बार 6 से 9% तक रहा। इस बार सामान्य बारिश का पैमाना बदलने पर मौसम विभाग के महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि यह एक इंटरनेशनल प्रैक्टिस है, जलवायु परिवर्तन की वजह से आए बदलावों के कारण हर दस साल के औसत के आधार पर नए सामान्य का आंकड़ा तय होता है।

अगले 20 साल में और बढ़ेगी बारिश: मानसूनी बारिश का ट्रेंड ऐसा है कि करीब 30 साल सूखा रहता है फिर अगले 30 वर्ष अच्छी बारिश होती है। ऐसे में 2031-2040 के दौरान बारिश पिछले दशक से अधिक होना शुरू होगी।
लगातार 11 साल भी हुई सामान्य वर्षा: 122 साल के इतिहास में 7 बार ऐसा हुआ है जब लगातार 4 वर्ष सामान्य या उससे अधिक बारिश हुई। 1953 से 1964 तक लगातार 11 वर्ष सामान्य या उससे ज्यादा बारिश हुई थी।
Hindi NewsNationalMeteorological Department Has Been Issuing Monsoon Forecasts On The Basis Of Different Models|rarely It Happens When Its Prediction Is Correct| Report Of Meteorological Department Forecastनई दिल्ली3 घंटे पहलेकॉपी लिंकमौसम विभाग 1988 से अलग-अलग मॉडल के आधार पर मानसून का पूर्वानुमान जारी कर रहा है। बहुत कम ऐसा होता है जब उसकी भविष्यवाणी सही होती है, लेकिन ज्यादातर मौकों पर मौसम विभाग की भविष्यवाणी गलत साबित हुई है।एक रिपोर्ट के मुताबिक, 1988 से लकेर अब तक 18 बार उसकी भविष्यवाणी गलत साबित हुई है। जबकि विभाग पूर्वानुमान में 5% तक कम/ज्यादा की गुंजाइश बताता है। फिर भी 48% भविष्यवाणियां गलत रहीं। हालांकि, मौसम विभाग का कहना है कि पिछले 15 सालों में उसके पूर्वानुमान में पहले के मुकाबले सुधार आया है।मौसम पूर्वानुमान एक इंटरनेशनल प्रैक्टिस- मृत्युंजय महापात्रपिछले 34 सालों यानी 1988 से 2021 के बीच दो बार (1994, 2002) पूर्वानुमान में 20% से भी ज्यादा अंतर रहा। 6 बार यह अंतर 10 से 15% के बीच और 10 बार 6 से 9% तक रहा। इस बार सामान्य बारिश का पैमाना बदलने पर मौसम विभाग के महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि यह एक इंटरनेशनल प्रैक्टिस है, जलवायु परिवर्तन की वजह से आए बदलावों के कारण हर दस साल के औसत के आधार पर नए सामान्य का आंकड़ा तय होता है।अगले 20 साल में और बढ़ेगी बारिश: मानसूनी बारिश का ट्रेंड ऐसा है कि करीब 30 साल सूखा रहता है फिर अगले 30 वर्ष अच्छी बारिश होती है। ऐसे में 2031-2040 के दौरान बारिश पिछले दशक से अधिक होना शुरू होगी।लगातार 11 साल भी हुई सामान्य वर्षा: 122 साल के इतिहास में 7 बार ऐसा हुआ है जब लगातार 4 वर्ष सामान्य या उससे अधिक बारिश हुई। 1953 से 1964 तक लगातार 11 वर्ष सामान्य या उससे ज्यादा बारिश हुई थी।