
Curated by प्रियेश मिश्र | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: Oct 15, 2021, 9:37 PM
व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि हमें तालिबान को आधिकारिक मान्यता देने की जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। हम समझते हैं कि उनसे संपर्क बनाए रखने की जरूरत है, लेकिन इसको लेकर कोई जल्दबाजी नहीं है और हम संयुक्त रूप से इसपर चर्चा कर सकते हैं।
History of Taliban: तालिबान का वो इतिहास जिसे याद कर सिहर उठते हैं लोग
अफगानिस्तान की तालिबान सरकार को उसके दोस्त देश ही मान्यता देने से पीछे हटते नजर आ रहे हैं। पहले संभावना जताई जा रही थी कि पाकिस्तान, कतर, रूस और ईरान अफगानिस्तान की इस्लामिक अमीरात सरकार को सबसे पहले मान्यता देंगे। ये चारों देश अफगानिस्तान में बंदूक के दम पर सत्ता पर काबिज हुए तालिबान से दोस्ती करने में सबसे आगे थे। अब कतर के बाद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि उनका देश तालिबान शासन को आधिकारिक मान्यता देने के लिए जल्दीबाजी में नहीं है।
पुतिन बोले- हम मान्यता को लेकर जल्दीबाजी में नहीं
पुतिन ने कहा कि तालिबान को अफगानिस्तान के नए शासक के तौर पर आधिकारिक मान्यता देने की जल्दबाजी नहीं होनी चाहिए लेकिन इसके साथ उन्होंने उनसे बात करने पर जोर दिया। पूर्व सोवियत संघ के देशों के नेताओं के साथ वर्चुअल बैठक में पुतिन ने कहा कि उन्हें अफसोस है कि तालिबान की बनाई गई अंतरिम सरकार अफगानिस्तान के पूरे समाज को प्रतिबिंबित नहीं करती। लेकिन, इसके साथ ही उन्होंने तालिबान के चुनाव कराने के वादे और शासन के ढांचे को फिर से स्थापित करने की कोशिश का जिक्र भी किया।
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तालिबान के साथ संपर्क के हिमायती हैं पुतिन
उन्होंने कहा कि हमें तालिबान को आधिकारिक मान्यता देने की जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। हम समझते हैं कि उनसे संपर्क बनाए रखने की जरूरत है, लेकिन इसको लेकर कोई जल्दबाजी नहीं है और हम संयुक्त रूप से इसपर चर्चा कर सकते हैं। इसके साथ ही पुतिन ने मॉस्को की अफगानिस्तान के विभिन्न पक्षों की अगले सप्ताह गोलमेज वार्ता आयोजित करने की मंशा की जानकारी दी और रेखांकित किया कि अफगानिस्तान के मुद्दे पर रूस,अमेरिका, चीन और पाकिस्तान से चर्चा करने की जरूरत है।
Taliban News: तालिबान ने दुनिया को धमकाया, बोला- आर्थिक प्रतिबंधों से वैश्विक सुरक्षा होगी प्रभावित
कतर ने भी मान्यता पर दिया था दो-टूक बयान
कुछ दिनों पहले कतर के उप विदेश मंत्री लोलवाह राशिद अल खतर ने कहा था कि अंतराष्ट्रीय समुदाय को तालिबान शासन को मान्यता देने में जल्दीबाजी नहीं करनी चाहिए। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि उन्होंने अपने अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों से तालिबान को पहचानने में जल्दीबाजी नहीं करने को कहा है। कतर की विदेश नीति का जिक्र करते हुए कहा कि तालिबान के साथ जुड़ाव का मतलब उसकी सरकार को मान्यता देना नहीं है। इसके बावजूद हम देखेंगे कि दुनिया तालिबान के साथ करीबी संबंध बनाए रखे।
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कतर ने तालिबान को दी महिला अधिकारों पर सीख
कतर के उप विदेश मंत्री ने महिला अधिकारों और इस्लामी कानून को लेकर तालिबान को नसीहत भी दी। उन्होंने कतर, मलेशिया, इंडोनेशिया का उदाहरण देते हुए कहा कि तालिबान इन देशों से बहुत कुछ सीख सकता है। इन देशों में इस्लामी कानून लागू है। इसके बावजूद महिलाओं को नौकरी करने की आजादी है। वे उच्च शिक्षा प्राप्त कर रही हैं। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि तालिबान की सरकार समावेशी नहीं है।
(एजेंसी से इनपुट के साथ)
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तालिबान को मान्यता देने से कतर और रूस ने खींचे हाथ
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Web Title : why qatar and russia are reluctant to recognize the taliban government, vladimir putin says not in hurry
Hindi News from Navbharat Times, TIL Network
Curated by प्रियेश मिश्र | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: Oct 15, 2021, 9:37 PMव्लादिमीर पुतिन ने कहा कि हमें तालिबान को आधिकारिक मान्यता देने की जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। हम समझते हैं कि उनसे संपर्क बनाए रखने की जरूरत है, लेकिन इसको लेकर कोई जल्दबाजी नहीं है और हम संयुक्त रूप से इसपर चर्चा कर सकते हैं। History of Taliban: तालिबान का वो इतिहास जिसे याद कर सिहर उठते हैं लोगकाबुलअफगानिस्तान की तालिबान सरकार को उसके दोस्त देश ही मान्यता देने से पीछे हटते नजर आ रहे हैं। पहले संभावना जताई जा रही थी कि पाकिस्तान, कतर, रूस और ईरान अफगानिस्तान की इस्लामिक अमीरात सरकार को सबसे पहले मान्यता देंगे। ये चारों देश अफगानिस्तान में बंदूक के दम पर सत्ता पर काबिज हुए तालिबान से दोस्ती करने में सबसे आगे थे। अब कतर के बाद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि उनका देश तालिबान शासन को आधिकारिक मान्यता देने के लिए जल्दीबाजी में नहीं है।पुतिन बोले- हम मान्यता को लेकर जल्दीबाजी में नहींपुतिन ने कहा कि तालिबान को अफगानिस्तान के नए शासक के तौर पर आधिकारिक मान्यता देने की जल्दबाजी नहीं होनी चाहिए लेकिन इसके साथ उन्होंने उनसे बात करने पर जोर दिया। पूर्व सोवियत संघ के देशों के नेताओं के साथ वर्चुअल बैठक में पुतिन ने कहा कि उन्हें अफसोस है कि तालिबान की बनाई गई अंतरिम सरकार अफगानिस्तान के पूरे समाज को प्रतिबिंबित नहीं करती। लेकिन, इसके साथ ही उन्होंने तालिबान के चुनाव कराने के वादे और शासन के ढांचे को फिर से स्थापित करने की कोशिश का जिक्र भी किया।Taliban News: अफगानिस्तान में लकड़ी काटते या बेचते पकड़े गए तो खैर नहीं, तालिबान ने लगाया प्रतिबंधतालिबान के साथ संपर्क के हिमायती हैं पुतिनउन्होंने कहा कि हमें तालिबान को आधिकारिक मान्यता देने की जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। हम समझते हैं कि उनसे संपर्क बनाए रखने की जरूरत है, लेकिन इसको लेकर कोई जल्दबाजी नहीं है और हम संयुक्त रूप से इसपर चर्चा कर सकते हैं। इसके साथ ही पुतिन ने मॉस्को की अफगानिस्तान के विभिन्न पक्षों की अगले सप्ताह गोलमेज वार्ता आयोजित करने की मंशा की जानकारी दी और रेखांकित किया कि अफगानिस्तान के मुद्दे पर रूस,अमेरिका, चीन और पाकिस्तान से चर्चा करने की जरूरत है।Taliban News: तालिबान ने दुनिया को धमकाया, बोला- आर्थिक प्रतिबंधों से वैश्विक सुरक्षा होगी प्रभावितकतर ने भी मान्यता पर दिया था दो-टूक बयानकुछ दिनों पहले कतर के उप विदेश मंत्री लोलवाह राशिद अल खतर ने कहा था कि अंतराष्ट्रीय समुदाय को तालिबान शासन को मान्यता देने में जल्दीबाजी नहीं करनी चाहिए। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि उन्होंने अपने अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों से तालिबान को पहचानने में जल्दीबाजी नहीं करने को कहा है। कतर की विदेश नीति का जिक्र करते हुए कहा कि तालिबान के साथ जुड़ाव का मतलब उसकी सरकार को मान्यता देना नहीं है। इसके बावजूद हम देखेंगे कि दुनिया तालिबान के साथ करीबी संबंध बनाए रखे। Kandahar Mosque Blast: अब कंधार के शिया मस्जिद में धमाका, नमाज पढ़ने आए 37 लोगों की मौत, कई घायलकतर ने तालिबान को दी महिला अधिकारों पर सीखकतर के उप विदेश मंत्री ने महिला अधिकारों और इस्लामी कानून को लेकर तालिबान को नसीहत भी दी। उन्होंने कतर, मलेशिया, इंडोनेशिया का उदाहरण देते हुए कहा कि तालिबान इन देशों से बहुत कुछ सीख सकता है। इन देशों में इस्लामी कानून लागू है। इसके बावजूद महिलाओं को नौकरी करने की आजादी है। वे उच्च शिक्षा प्राप्त कर रही हैं। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि तालिबान की सरकार समावेशी नहीं है।(एजेंसी से इनपुट के साथ)तालिबान को मान्यता देने से कतर और रूस ने खींचे हाथNavbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म… पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐपलेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें Web Title : why qatar and russia are reluctant to recognize the taliban government, vladimir putin says not in hurryHindi News from Navbharat Times, TIL Network
