गाजीपुर बॉर्डर से टेंट क्यों हटाया? एंकर ने किया सवाल तो कहने लगे राकेश टिकैत

गाजीपुर बॉर्डर से टेंट क्यों हटाया? एंकर ने किया सवाल तो कहने लगे राकेश टिकैत

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राकेश टिकैत से न्यूज ऐंकर ने पूछा कि गाजीपुर बॉर्डर से टेंट क्यों हटवाए गए। उनका जवाब देते हुए किसान नेता ने कहा कि दिवाली आ रही है और उसे बदलवाने हैं।

केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के विरोध में किसान बीते कई महीनों से दिल्ली के बॉर्डर पर डटे हए हैं। उनकी मांग है कि जब तक सरकार कानूनों को वापस नहीं ले लेती है, वह प्रदर्शन खत्म नहीं करेंगे। हालांकि गुरुवार के दिन किसानों ने यूपी गेट पर फ्लाइओवर के नीचे सर्विस लेन से अपने टेंट हटा लिये। इस मामले को लेकर भारतीय किसान यूनियन नेता राकेश टिकैत से ‘राष्ट्र की बात’ में चर्चा की गई। शो में किसान नेता ने बताया कि उन्होंने पर्दे बदलवाने के लिए गाजीपुर बॉर्डर से टेंट हटवाए।

डिबेट शो में न्यूज ऐंकर ने राकेश टिकैत से पूछा, “आपने आज जो टेंट हटवाया, वो आपने क्यों हटवाया?” उनका जवाब देते हुए किसान नेता ने कहा, “उसके पर्दे बदलने हैं, दिपावली आ रही है पर्दे बदलने हैं। दिल्ली पुलिस की बैरिकेडिंग दिखनी चाहिए, हमने थोड़ी ना रास्ता रोका हुआ है, न हम रास्ता रोकते और न ही हमें रोकना चाहिए।”

राकेश टिकैत की इस बात पर न्यूज ऐंकर ने कहा, “आपका सेंस ऑफ ह्यूमर काफी लोकप्रिय है, अब आपने पर्दे धुलवाने की बात कही। लेकिन यह थोड़ा गंभीर मुद्दा है, रास्ता बंद होने से लोगों को परेशानी होती है। वीडियो देखकर लोग भी पूछ रहे हैं कि यह फैसला आपने कैसे कर लिया?” न्यूज ऐंकर की बात का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, “हम जो 11 महीने से बैठे हुए हैं, क्या हम मजाक करने के लिए बैठे हैं।”

राकेश टिकैत ने इस बारे में आगे कहा, “यह राष्ट्र का ही तो मुद्दा है। आप जाकर दिखाओ न कि किस तरह से किसान बर्बाद हो रहा है। अपनी फसल आधे रेट में बेच रहा है तो किसान बर्बाद हो रहा है। लोग यहां बैठे हैं, यहां उन्होंने सर्दी देखी, गर्मी देखी, यहां उन्होंने बरसात देखी तो यह क्या किसान मजाक करने के लिए बैठे हैं?”

राकेश टिकैत ने अपने बयान में सरकार पर भी तंज कसने में कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने कहा, “सरकारों को शर्म आनी चाहिए, अगर सरकार को अभी भी शर्म नहीं आई तो इसका क्या हल होगा। बगैर समाधान के हमें यहां से नहीं जाना है। कानून जब तक वापस नहीं होंगे, तब तक किसान यहां से नहीं जाएगा। एमएसपी पर गारंटी पर चाहिए हमें। अभी पांच राज्यों में बारिश हुई, वहां किसानों के क्या हाल हुए? आंदोलन को एक साल हो गया, अगर यह 10 साल चलेगा तो किसान इसे 10 साल भी चलाएंगे। सरकार गलतफहमी में न रहे और कान खोलकर सुन ले।”

राकेश टिकैत से न्यूज ऐंकर ने पूछा कि गाजीपुर बॉर्डर से टेंट क्यों हटवाए गए। उनका जवाब देते हुए किसान नेता ने कहा कि दिवाली आ रही है और उसे बदलवाने हैं। केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के विरोध में किसान बीते कई महीनों से दिल्ली के बॉर्डर पर डटे हए हैं। उनकी मांग है कि जब तक सरकार कानूनों को वापस नहीं ले लेती है, वह प्रदर्शन खत्म नहीं करेंगे। हालांकि गुरुवार के दिन किसानों ने यूपी गेट पर फ्लाइओवर के नीचे सर्विस लेन से अपने टेंट हटा लिये। इस मामले को लेकर भारतीय किसान यूनियन नेता राकेश टिकैत से ‘राष्ट्र की बात’ में चर्चा की गई। शो में किसान नेता ने बताया कि उन्होंने पर्दे बदलवाने के लिए गाजीपुर बॉर्डर से टेंट हटवाए। डिबेट शो में न्यूज ऐंकर ने राकेश टिकैत से पूछा, “आपने आज जो टेंट हटवाया, वो आपने क्यों हटवाया?” उनका जवाब देते हुए किसान नेता ने कहा, “उसके पर्दे बदलने हैं, दिपावली आ रही है पर्दे बदलने हैं। दिल्ली पुलिस की बैरिकेडिंग दिखनी चाहिए, हमने थोड़ी ना रास्ता रोका हुआ है, न हम रास्ता रोकते और न ही हमें रोकना चाहिए।” राकेश टिकैत की इस बात पर न्यूज ऐंकर ने कहा, “आपका सेंस ऑफ ह्यूमर काफी लोकप्रिय है, अब आपने पर्दे धुलवाने की बात कही। लेकिन यह थोड़ा गंभीर मुद्दा है, रास्ता बंद होने से लोगों को परेशानी होती है। वीडियो देखकर लोग भी पूछ रहे हैं कि यह फैसला आपने कैसे कर लिया?” न्यूज ऐंकर की बात का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, “हम जो 11 महीने से बैठे हुए हैं, क्या हम मजाक करने के लिए बैठे हैं।” राकेश टिकैत ने इस बारे में आगे कहा, “यह राष्ट्र का ही तो मुद्दा है। आप जाकर दिखाओ न कि किस तरह से किसान बर्बाद हो रहा है। अपनी फसल आधे रेट में बेच रहा है तो किसान बर्बाद हो रहा है। लोग यहां बैठे हैं, यहां उन्होंने सर्दी देखी, गर्मी देखी, यहां उन्होंने बरसात देखी तो यह क्या किसान मजाक करने के लिए बैठे हैं?” राकेश टिकैत ने अपने बयान में सरकार पर भी तंज कसने में कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने कहा, “सरकारों को शर्म आनी चाहिए, अगर सरकार को अभी भी शर्म नहीं आई तो इसका क्या हल होगा। बगैर समाधान के हमें यहां से नहीं जाना है। कानून जब तक वापस नहीं होंगे, तब तक किसान यहां से नहीं जाएगा। एमएसपी पर गारंटी पर चाहिए हमें। अभी पांच राज्यों में बारिश हुई, वहां किसानों के क्या हाल हुए? आंदोलन को एक साल हो गया, अगर यह 10 साल चलेगा तो किसान इसे 10 साल भी चलाएंगे। सरकार गलतफहमी में न रहे और कान खोलकर सुन ले।”

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