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नई दिल्ली4 घंटे पहले
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सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केंद्र सरकार को कोरोना से मौत पर मुआवजा पाने के लिए झूठे दावों की जांच करने की अनुमति दे दी है। केंद्र ने याचिका दायर कर नकली दावों के सत्यापन के लिए सेंपल सर्वे की मांग की थी। कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार चार राज्यों आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और केरल में 5% दावों की जांच कर सकती है। माना जा रहा है कि इन चारों राज्यों में दावों और दर्ज की गई मौतों के बीच एक बड़ा अंतर है।
इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना से मौत के मुआवजे का दावा करने की समय सीमा भी तय कर दी है। अब 28 मार्च तक होने वाली मौत के मुआवजे का दावा करने के लिए 60 दिन और भविष्य में होने वाली मौत का मुआवजा पाने के लिए 90 दिन का टाइम दिया गया है।
केंद्र सरकार ने कोर्ट से अपील की, कि सुप्रीम कोर्ट को कोरोना की मौतों के दावों के ‘फर्जी रैकेट’ की जांच का आदेश देना चाहिए। सरकार का मानना है कि यह सभी घौटाले अधिकारियों के साथ मिलकर चल रहे हैं, जो अवैध रूप से कोरोना के कारण नहीं होने वाली मौतों के लिए मुआवजा हड़प रहे हैं। इसके अलावा कई डॉक्टर नकली प्रमाणपत्र भी दे रहे हैं।
हमने सोचा नहीं था कि हमारे आदेश का दुरुपयोग किया जा सकता है: कोर्ट
14 मार्च को हुई पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था, ‘हमने कभी नहीं सोचा था कि हमारे आदेश का दुरुपयोग किया जा सकता है।’ कोर्ट ने केंद्र सरकार को फर्जी दावों की जांच के लिए आवेदन करने की अनुमति दी। साथ ही दुख भी जताया था। इस दौरान केंद्र ने कोर्ट को जानकारी दी थी कि कोरोना से मौत के आधिकारिक आंकड़ों और मुआवजा पाने के लिए दर्ज हुए आवेदनों में बहुत अंतर है।

यह तस्वीर आगरा की है, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। कहीं भी बेड नहीं मिलने के कारण महिला पति को मुंह से सांस देती रही, लेकिन उन्हें बचा नहीं पाई।
सर्टिफिकेट पर मौत का कारण कोरोना नहीं होने पर भी मुआवजा
कोर्ट ने 4 अक्टूबर के अपने आदेश में कोरोना संक्रमित की मौत होने पर उसके परिजन को 50,000 रुपए मुआवजा देना तय किया था। यह रकम स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फंड से दी जानी थी। कोर्ट ने कहा था कि कोई भी राज्य मुआवजे से सिर्फ इस आधार पर इनकार नहीं करेगा कि डेथ सर्टिफिकेट में मौत की वजह कोरोना नहीं लिखी है।
भारत में अब तक कोरोना से 5.16 लाख से अधिक मौतें दर्ज
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, भारत में कोरोना महामारी की शुरुआत से अब तक 5.16 लाख से अधिक कोविड से जुड़ी मौतें दर्ज की गई हैं। इनमें से आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और केरल में 2.36 लाख से अधिक मौतें हुई हैं।
नई दिल्ली4 घंटे पहलेकॉपी लिंकवीडियोसुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केंद्र सरकार को कोरोना से मौत पर मुआवजा पाने के लिए झूठे दावों की जांच करने की अनुमति दे दी है। केंद्र ने याचिका दायर कर नकली दावों के सत्यापन के लिए सेंपल सर्वे की मांग की थी। कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार चार राज्यों आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और केरल में 5% दावों की जांच कर सकती है। माना जा रहा है कि इन चारों राज्यों में दावों और दर्ज की गई मौतों के बीच एक बड़ा अंतर है।इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना से मौत के मुआवजे का दावा करने की समय सीमा भी तय कर दी है। अब 28 मार्च तक होने वाली मौत के मुआवजे का दावा करने के लिए 60 दिन और भविष्य में होने वाली मौत का मुआवजा पाने के लिए 90 दिन का टाइम दिया गया है।केंद्र सरकार ने कोर्ट से अपील की, कि सुप्रीम कोर्ट को कोरोना की मौतों के दावों के ‘फर्जी रैकेट’ की जांच का आदेश देना चाहिए। सरकार का मानना है कि यह सभी घौटाले अधिकारियों के साथ मिलकर चल रहे हैं, जो अवैध रूप से कोरोना के कारण नहीं होने वाली मौतों के लिए मुआवजा हड़प रहे हैं। इसके अलावा कई डॉक्टर नकली प्रमाणपत्र भी दे रहे हैं।हमने सोचा नहीं था कि हमारे आदेश का दुरुपयोग किया जा सकता है: कोर्ट14 मार्च को हुई पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था, ‘हमने कभी नहीं सोचा था कि हमारे आदेश का दुरुपयोग किया जा सकता है।’ कोर्ट ने केंद्र सरकार को फर्जी दावों की जांच के लिए आवेदन करने की अनुमति दी। साथ ही दुख भी जताया था। इस दौरान केंद्र ने कोर्ट को जानकारी दी थी कि कोरोना से मौत के आधिकारिक आंकड़ों और मुआवजा पाने के लिए दर्ज हुए आवेदनों में बहुत अंतर है।यह तस्वीर आगरा की है, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। कहीं भी बेड नहीं मिलने के कारण महिला पति को मुंह से सांस देती रही, लेकिन उन्हें बचा नहीं पाई।सर्टिफिकेट पर मौत का कारण कोरोना नहीं होने पर भी मुआवजाकोर्ट ने 4 अक्टूबर के अपने आदेश में कोरोना संक्रमित की मौत होने पर उसके परिजन को 50,000 रुपए मुआवजा देना तय किया था। यह रकम स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फंड से दी जानी थी। कोर्ट ने कहा था कि कोई भी राज्य मुआवजे से सिर्फ इस आधार पर इनकार नहीं करेगा कि डेथ सर्टिफिकेट में मौत की वजह कोरोना नहीं लिखी है।भारत में अब तक कोरोना से 5.16 लाख से अधिक मौतें दर्जस्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, भारत में कोरोना महामारी की शुरुआत से अब तक 5.16 लाख से अधिक कोविड से जुड़ी मौतें दर्ज की गई हैं। इनमें से आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और केरल में 2.36 लाख से अधिक मौतें हुई हैं।