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कोलकाता3 घंटे पहले
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कोलकाता पुलिस का एक ट्रैफिक पुलिसकर्मी वाहनों को सही तरीके चलने की सरकारी जिम्मेदारी निभाने के साथ ही एक अनूठी सोशल ड्यूटी भी कर रहा है। यह पुलिसकर्मी अपनी ड्यूटी के दौरान सड़क किनारे एक गरीब बच्चे को पढ़ाता है। देश की भावी पीढ़ी का भविष्य संवारने के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझने वाले इस पुलिसकर्मी की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है, जिस पर लोग उसे जमकर सलाम कर रहे हैं।
कक्षा-3 के बच्चे को पढ़ाने की ली है जिम्मेदारी
दरअसल ट्रैफिक पुलिस के सार्जेंट प्रकाश घोष की ड्यूटी दक्षिणी कोलकाता में बैलीगंज ITI के करीब एक चौराहे पर ट्रैफिक गार्ड के तौर पर लगी हुई है। वहीं करीब में एक महिला अपना फूड स्टॉल लगाती है, जिसके साथ कई बार उसका 8 साल का बेटा भी मौजूद रहता है। बेघर महिला खुले आसमान के नीचे अपने बेटे के साथ रहती है, लेकिन उसने अपने बेटे को बहुत मुश्किलों से करीब के गवर्नमेंट स्कूल में एडमिशन दिला रखा है। सार्जेंट घोष से महिला कई बार अपने बेटे के सही तरीके से नहीं पढ़ने का दुख जता चुकी थी। उसकी परेशानी देखकर सार्जेंट घोष ने कक्षा-3 में पढ़ने वाले उसके बेटे को पढ़ाने की जिम्मेदारी ले ली।
पढ़ा रहे पुलिसकर्मी की फोटो एक जर्नलिस्ट ने की वायरल

सार्जेंट घोष का यह सोशल वर्क तब चर्चा में आ गया, जब पुलिस की वर्दी पहनकर बच्चे को पढ़ा रहे सार्जेंट घोष की फोटो एक लोकल जर्नलिस्ट ने सोशल मीडिया पर शेयर कर दी। इस फोटो में सड़क के किनारे पेड़ के नीचे प्लास्टिक शीट पर बैठा बच्चा अपनी नोटबुक में कुछ लिख रहा है, जबकि सार्जेंट घोष हाथ में डंडी लेकर उसकी कॉपी पर कुछ पढ़ाते दिख रहे हैं। बराबर में ही बच्चे का स्कूल बैग और एक पैंसिल बॉक्स भी रखा हुआ है। इस फोटो को लोगों ने जमकर पसंद किया।
कोलकाता पुलिस ने भी फेसबुक पर शेयर किया फोटो
बाद में कोलकाता पुलिस ने भी अपने ऑफिशियल फेसबुक पेज पर इस फोटो को शेयर किया और सिपाही के सोशल वर्क की पूरी जानकारी भी यूजर्स को दी। लोगों ने सार्जेंट घोष के इस सोशल वर्क को जमकर सराहा और उन्हें सलाम किया। एक यूजर ने लिखा, ग्रेट जॉब, दूसरे यूजर ने लिखा, अच्छा पुलिसकर्मी, लेकिन उससे भी ऊपर अच्छा इंसान।

पिछले साल भी चर्चा में आया था एक ट्रैफिक अफसर
सितंबर, 2021 में भी कोलकाता में ही एक ट्रैफिक ऑफिसर इंचार्ज प्रसेनजीत घोष ऐसा ही काम करने से चर्चा में आया था। प्रसेनजीत कोरोना महामारी के दौरान स्कूल बंद होने से परेशान स्लम बस्ती के उन बच्चों की मदद कर रहे थे, जो ऑनलाइन क्लास का खर्च नहीं उठा सकते थे और उनके पास स्मार्टफोन नहीं था।
कोलकाता3 घंटे पहलेकॉपी लिंककोलकाता पुलिस का एक ट्रैफिक पुलिसकर्मी वाहनों को सही तरीके चलने की सरकारी जिम्मेदारी निभाने के साथ ही एक अनूठी सोशल ड्यूटी भी कर रहा है। यह पुलिसकर्मी अपनी ड्यूटी के दौरान सड़क किनारे एक गरीब बच्चे को पढ़ाता है। देश की भावी पीढ़ी का भविष्य संवारने के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझने वाले इस पुलिसकर्मी की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है, जिस पर लोग उसे जमकर सलाम कर रहे हैं।कक्षा-3 के बच्चे को पढ़ाने की ली है जिम्मेदारीदरअसल ट्रैफिक पुलिस के सार्जेंट प्रकाश घोष की ड्यूटी दक्षिणी कोलकाता में बैलीगंज ITI के करीब एक चौराहे पर ट्रैफिक गार्ड के तौर पर लगी हुई है। वहीं करीब में एक महिला अपना फूड स्टॉल लगाती है, जिसके साथ कई बार उसका 8 साल का बेटा भी मौजूद रहता है। बेघर महिला खुले आसमान के नीचे अपने बेटे के साथ रहती है, लेकिन उसने अपने बेटे को बहुत मुश्किलों से करीब के गवर्नमेंट स्कूल में एडमिशन दिला रखा है। सार्जेंट घोष से महिला कई बार अपने बेटे के सही तरीके से नहीं पढ़ने का दुख जता चुकी थी। उसकी परेशानी देखकर सार्जेंट घोष ने कक्षा-3 में पढ़ने वाले उसके बेटे को पढ़ाने की जिम्मेदारी ले ली।पढ़ा रहे पुलिसकर्मी की फोटो एक जर्नलिस्ट ने की वायरलसार्जेंट घोष का यह सोशल वर्क तब चर्चा में आ गया, जब पुलिस की वर्दी पहनकर बच्चे को पढ़ा रहे सार्जेंट घोष की फोटो एक लोकल जर्नलिस्ट ने सोशल मीडिया पर शेयर कर दी। इस फोटो में सड़क के किनारे पेड़ के नीचे प्लास्टिक शीट पर बैठा बच्चा अपनी नोटबुक में कुछ लिख रहा है, जबकि सार्जेंट घोष हाथ में डंडी लेकर उसकी कॉपी पर कुछ पढ़ाते दिख रहे हैं। बराबर में ही बच्चे का स्कूल बैग और एक पैंसिल बॉक्स भी रखा हुआ है। इस फोटो को लोगों ने जमकर पसंद किया।कोलकाता पुलिस ने भी फेसबुक पर शेयर किया फोटोबाद में कोलकाता पुलिस ने भी अपने ऑफिशियल फेसबुक पेज पर इस फोटो को शेयर किया और सिपाही के सोशल वर्क की पूरी जानकारी भी यूजर्स को दी। लोगों ने सार्जेंट घोष के इस सोशल वर्क को जमकर सराहा और उन्हें सलाम किया। एक यूजर ने लिखा, ग्रेट जॉब, दूसरे यूजर ने लिखा, अच्छा पुलिसकर्मी, लेकिन उससे भी ऊपर अच्छा इंसान।पिछले साल भी चर्चा में आया था एक ट्रैफिक अफसरसितंबर, 2021 में भी कोलकाता में ही एक ट्रैफिक ऑफिसर इंचार्ज प्रसेनजीत घोष ऐसा ही काम करने से चर्चा में आया था। प्रसेनजीत कोरोना महामारी के दौरान स्कूल बंद होने से परेशान स्लम बस्ती के उन बच्चों की मदद कर रहे थे, जो ऑनलाइन क्लास का खर्च नहीं उठा सकते थे और उनके पास स्मार्टफोन नहीं था।