भारत से लापता युवक को चीन ने लौटाया:एलएसी से अगवा हुआ था 17 साल का मिराम तारोन, चीनी सेना ने वापस लौटाया, किरन रिजिजू ने दी जानकारी

भारत से लापता युवक को चीन ने लौटाया:एलएसी से अगवा हुआ था 17 साल का मिराम तारोन, चीनी सेना ने वापस लौटाया, किरन रिजिजू ने दी जानकारी

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इटानगर13 घंटे पहले

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एलएसी से अगवा हुए 17 साल के मिराम तारोन को चीनी सेना ने भारत का वापस सौंप दिया है। इसकी जानकारी केंद्रीय कानून मंत्री किरन रिजिजू ने सोशल मीडिया पर दी। किरन रिजिजू ने लिखा, “चीनी पीएलए ने आज अरुणाचल प्रदेश के वाचा-दमई इंटरेक्शन पॉइंट पर अरुणाचल प्रदेश के मिराम तारोन को भारतीय सेना को सौंप दिया। मैं पीएलए के साथ मामले को सावधानीपूर्वक आगे बढ़ाने और हमारे युवा लड़के को सुरक्षित घर वापस लाने के लिए हमारी गर्वित भारतीय सेना को धन्यवाद देता हूं।”

क्या है पूरा मामला
जिंदों गांव के रहने वाले मिराम और उसके दोस्त को 18 जनवरी को चीनी सेना ने अगवा कर लिया था। मिराम का दोस्त किसी तरह चीनी चंगुल से भाग निकला और भारतीय सेना को इसकी सूचना दी। अगवा करने के पीछे चीन का हाथ बताया जा रहा था। लेकिन चीन ने अपने ऊपर लगे आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था। हालांकि, 20 जनवरी को चीनी सेना ने अज्ञात नाबालिग के मिलने की बात मानी थी और उनके भारतीय होने की पुष्टि भी की।

जहां से मिराम अगवा हुआ, वहां चीन ने बनाई थी 4 किमी लंबी सड़क
भले ही चीन कितना भी हिंदी-चीनी भाई-भाई का नारा देता हो, लेकिन चीन की नियत भारत को लेकर कभी भी अच्छी नहीं रही है। चीनी सेना हमेशा से भारत में घुसपैठ करता आ रहा है। चीन कभी भी भारतीय क्षेत्र में सड़क निर्माण, कभी अवैध निर्माण और कभी देश के आंतरिक हिस्सों को अपना बताने से पीछे नहीं हटता। जिस जगह से मिराम और उसके दोस्त अगवा हुए, वहां पर चीन ने 2018 में 4 किमी. लंबी सड़क का निर्माण किया था औऱ वहीं से त्सांगपो नदी का प्रवेश भारत में होता है।

बता दें कि त्सांगपो नदी को अरुणाचल प्रदेश में सियांग और असम में ब्रह्मपुत्र नदी के नाम से जाना जाता है। इसके अलावा लद्दाख के बहुचर्चित पैंगोग सो लेक के ऊपर भी चीन एक पुल का निर्माण कर रहा है जिसकी तस्वारें कुछ दिन पहले सैटेलाइट इमेज के जरिये दिखाई गई थी।

कांग्रेस नेता ने लिया था संज्ञान
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अरूणाचल प्रदेश में भारतीय किशोर का चीनी सैनिकों द्वारा अपहरण किए जाने के मामले में केन्द्र सरकार को घेरने की कोशिश की थी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट किया था, “गणतंत्र दिवस से कुछ ही दिन पहले चीनियों ने एक भारतीय नागरिक का अपहरण कर लिया है, हम मिराम तारन के परिवार के साथ हैं, और हम हार नहीं मानेंगे और उम्मीद नहीं छोड़ेंगे। लेकिन प्रधानमंत्री की चुप्पी यह दर्शाती है कि इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता।” कांग्रेस विधायक नेनोंग एरिंग ने भी इस मामले को सरकार के संज्ञान में लाते हुए कहा था कि यह चौंकाने वाला है कि चीनी सेना ने मेरे राज्य के एक किशोर का अपहरण कर लिया है।

2020 में भी किया था 5 युवकों का अपहरण
इससे पहले भी ऐसी ही एक घटना सितंबर 2020 में घटी थी, जब पीएलए ने अरुणाचल प्रदेश के सुबनसिरी जिले से पांच युवकों का अपहरण कर लिया था और लगभग एक हफ्ते बाद उन्हें रिहा किया था। एक रिपोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार, अरुणाचल प्रदेश की 1,080 किमी लंबी सीमा चीन से लगी है। इसके अलावा 520 किमी लंबी सीमा म्यांमार और 217 किमी लंबी सीमा भूटान से भी लगी है।

Hindi NewsNationalIndia China | Arunachal Pradesh Boy Missing Case; China PLA Returns Miram Taron To Indian Armyइटानगर13 घंटे पहलेकॉपी लिंकएलएसी से अगवा हुए 17 साल के मिराम तारोन को चीनी सेना ने भारत का वापस सौंप दिया है। इसकी जानकारी केंद्रीय कानून मंत्री किरन रिजिजू ने सोशल मीडिया पर दी। किरन रिजिजू ने लिखा, “चीनी पीएलए ने आज अरुणाचल प्रदेश के वाचा-दमई इंटरेक्शन पॉइंट पर अरुणाचल प्रदेश के मिराम तारोन को भारतीय सेना को सौंप दिया। मैं पीएलए के साथ मामले को सावधानीपूर्वक आगे बढ़ाने और हमारे युवा लड़के को सुरक्षित घर वापस लाने के लिए हमारी गर्वित भारतीय सेना को धन्यवाद देता हूं।”क्या है पूरा मामलाजिंदों गांव के रहने वाले मिराम और उसके दोस्त को 18 जनवरी को चीनी सेना ने अगवा कर लिया था। मिराम का दोस्त किसी तरह चीनी चंगुल से भाग निकला और भारतीय सेना को इसकी सूचना दी। अगवा करने के पीछे चीन का हाथ बताया जा रहा था। लेकिन चीन ने अपने ऊपर लगे आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था। हालांकि, 20 जनवरी को चीनी सेना ने अज्ञात नाबालिग के मिलने की बात मानी थी और उनके भारतीय होने की पुष्टि भी की।जहां से मिराम अगवा हुआ, वहां चीन ने बनाई थी 4 किमी लंबी सड़कभले ही चीन कितना भी हिंदी-चीनी भाई-भाई का नारा देता हो, लेकिन चीन की नियत भारत को लेकर कभी भी अच्छी नहीं रही है। चीनी सेना हमेशा से भारत में घुसपैठ करता आ रहा है। चीन कभी भी भारतीय क्षेत्र में सड़क निर्माण, कभी अवैध निर्माण और कभी देश के आंतरिक हिस्सों को अपना बताने से पीछे नहीं हटता। जिस जगह से मिराम और उसके दोस्त अगवा हुए, वहां पर चीन ने 2018 में 4 किमी. लंबी सड़क का निर्माण किया था औऱ वहीं से त्सांगपो नदी का प्रवेश भारत में होता है।बता दें कि त्सांगपो नदी को अरुणाचल प्रदेश में सियांग और असम में ब्रह्मपुत्र नदी के नाम से जाना जाता है। इसके अलावा लद्दाख के बहुचर्चित पैंगोग सो लेक के ऊपर भी चीन एक पुल का निर्माण कर रहा है जिसकी तस्वारें कुछ दिन पहले सैटेलाइट इमेज के जरिये दिखाई गई थी।कांग्रेस नेता ने लिया था संज्ञानकांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अरूणाचल प्रदेश में भारतीय किशोर का चीनी सैनिकों द्वारा अपहरण किए जाने के मामले में केन्द्र सरकार को घेरने की कोशिश की थी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट किया था, “गणतंत्र दिवस से कुछ ही दिन पहले चीनियों ने एक भारतीय नागरिक का अपहरण कर लिया है, हम मिराम तारन के परिवार के साथ हैं, और हम हार नहीं मानेंगे और उम्मीद नहीं छोड़ेंगे। लेकिन प्रधानमंत्री की चुप्पी यह दर्शाती है कि इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता।” कांग्रेस विधायक नेनोंग एरिंग ने भी इस मामले को सरकार के संज्ञान में लाते हुए कहा था कि यह चौंकाने वाला है कि चीनी सेना ने मेरे राज्य के एक किशोर का अपहरण कर लिया है।2020 में भी किया था 5 युवकों का अपहरणइससे पहले भी ऐसी ही एक घटना सितंबर 2020 में घटी थी, जब पीएलए ने अरुणाचल प्रदेश के सुबनसिरी जिले से पांच युवकों का अपहरण कर लिया था और लगभग एक हफ्ते बाद उन्हें रिहा किया था। एक रिपोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार, अरुणाचल प्रदेश की 1,080 किमी लंबी सीमा चीन से लगी है। इसके अलावा 520 किमी लंबी सीमा म्यांमार और 217 किमी लंबी सीमा भूटान से भी लगी है।

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