यूक्रेन में फंसे 52 छात्रों की लिस्ट थमा मांगी मदद:खारकिव से लौटी युक्ता बोली

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मजीठा (अमृतसर)10 घंटे पहले

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पंजाब से यूक्रेन में MBBS करने गए छात्रों की लिस्ट लगातार बढ़ती ही जा रही है। बच्चों के वहां फंसे होने के चलते अब पेरेंट्स की चिंता भी बढ़ रही है। यूक्रेन में जहां कल तक अमृतसर के 45 छात्र बताए जा रहे थे, वहीं आज 52 छात्रों की लिस्ट लेकर अभिभावक अमृतसर के डीसी ऑफिस पहुंचे।

नहीं मिले अधिकारी

शनिवार का अवकाश होने के कारण डीसी गुरप्रीत सिंह खैहरा मौजूद नहीं थे। फिर उन्हें पीए ने एसडीएम से मिलने के लिए कहा लेकिन एसडीएम भी नहीं थे। आखिरकार मायूस पेरेंट्स मीडिया के सामने दर्द बता कर लौट गए। फिर दोपहर को इन्हीं लोगों को फिर से डीसी दफ्तर में बुलाया गया और उन्हें कंप्लीट इनफ्रामेंशन देने के लिए कहा गया।

अमृतसर के डीसी कार्यालय में यूक्रेन में फंसे अपनों का डाटा दर्ज कराते लोग।

अमृतसर के डीसी कार्यालय में यूक्रेन में फंसे अपनों का डाटा दर्ज कराते लोग।

डीसी कार्यालय दी 52 की लिस्ट

यूक्रेन से दो दिन पहले लौटी छात्रा युक्ता शनिवार को डीसी कार्यालय में एक लिस्ट लेकर पहुंची। इस लिस्ट में उन 52 छात्रों के नाम थे, जो कि यूक्रेन के खारकिव में ही स्थित कालेज होस्टल के बंकर में मौजूद हैं। यह सभी छात्र युक्ता के बैचमेट हैं और पंजाब के अलग-अलग शहरों से हैं।

कंट्रोल रूम में सिर्फ 20 की डिटेल

कंट्रोल रुम में अब तक सिर्फ 20 छात्रों की ही डिटेल है, जबकि अमृतसर के ही तकरीबन 45 छात्र बताए जा रहे हैं। कंट्रोल रुम से लगातार बच्चों से और उनके माता-पिता से संपर्क किया जा रहा है। डीसी ऑफिस पहुंचे पेरेंट्स ने गुहार लगाई कि केंद्र सरकार की ओर से बच्चों को लाने के लिए फ्लाइट्स तो चलाई जाएं।

यूक्रेन में फंसे अपने बच्चों की फोटो और जानकारी देते अभिभावक।

यूक्रेन में फंसे अपने बच्चों की फोटो और जानकारी देते अभिभावक।

यूक्रेन से लौटी युक्ता ने चलाया अभियान

युक्ता ने बताया कि उन्होंने एक वॉट्सऐप ग्रुप बनाकर सभी को इकट्ठा किया है और अब हर सूचना एक दूसरे से शेयर की जा रही है। वह खुद 24 फरवरी को ही अमृतसर पहुंची है और उसके बाद युक्रेन के हालात और भी खराब हो गए हैं। युक्ता ने बताया कि अमृतसर और पंजाब के ज्यादातर बच्चे यूक्रेन के खारकिव में ही हैं और वहां के कालेज के होस्टल में बने बंकर में एक साथ रह रहे हैं।

अमृतसर में जानकारी देते अभिभावक।

अमृतसर में जानकारी देते अभिभावक।

एयरबेस तक नहीं पहुंच पा रहे युवा

फिलहाल कालेज प्रबंधन खाने पीने का इंतजाम कर रहा है, लेकिन अब बच्चे पूरी तरह से डरे हुए हैं। डा. अनुराग ने बताया कि उनका भाई यूक्रेन में है और वह अब बात भी कम होती है क्योंकि इंटरनेट भी काम नहीं कर रहा। वह अब सुबह डीसी दफ्तर यही गुहार लेकर आए थे कि बच्चों से संपर्क किया जाए। उन्हें बताया जाए कि वह खारकिव से पास के एयरबेस में कैसे पहुंचे।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से फ्लाइट्स तो चलाई गई हैं, लेकिन उन फ्लाइट्स तक छात्रों का खुद से पहुंचना मुश्किल हो गया है। डीसी ऑफिस में उन्हें डीआरओ से मुलाकात के बाद कंट्रोल रुम में सारी डिटेल लिखवाने के लिए कहा गया।

मजीठा (अमृतसर)10 घंटे पहलेकॉपी लिंकपंजाब से यूक्रेन में MBBS करने गए छात्रों की लिस्ट लगातार बढ़ती ही जा रही है। बच्चों के वहां फंसे होने के चलते अब पेरेंट्स की चिंता भी बढ़ रही है। यूक्रेन में जहां कल तक अमृतसर के 45 छात्र बताए जा रहे थे, वहीं आज 52 छात्रों की लिस्ट लेकर अभिभावक अमृतसर के डीसी ऑफिस पहुंचे।नहीं मिले अधिकारीशनिवार का अवकाश होने के कारण डीसी गुरप्रीत सिंह खैहरा मौजूद नहीं थे। फिर उन्हें पीए ने एसडीएम से मिलने के लिए कहा लेकिन एसडीएम भी नहीं थे। आखिरकार मायूस पेरेंट्स मीडिया के सामने दर्द बता कर लौट गए। फिर दोपहर को इन्हीं लोगों को फिर से डीसी दफ्तर में बुलाया गया और उन्हें कंप्लीट इनफ्रामेंशन देने के लिए कहा गया।अमृतसर के डीसी कार्यालय में यूक्रेन में फंसे अपनों का डाटा दर्ज कराते लोग।डीसी कार्यालय दी 52 की लिस्टयूक्रेन से दो दिन पहले लौटी छात्रा युक्ता शनिवार को डीसी कार्यालय में एक लिस्ट लेकर पहुंची। इस लिस्ट में उन 52 छात्रों के नाम थे, जो कि यूक्रेन के खारकिव में ही स्थित कालेज होस्टल के बंकर में मौजूद हैं। यह सभी छात्र युक्ता के बैचमेट हैं और पंजाब के अलग-अलग शहरों से हैं।कंट्रोल रूम में सिर्फ 20 की डिटेलकंट्रोल रुम में अब तक सिर्फ 20 छात्रों की ही डिटेल है, जबकि अमृतसर के ही तकरीबन 45 छात्र बताए जा रहे हैं। कंट्रोल रुम से लगातार बच्चों से और उनके माता-पिता से संपर्क किया जा रहा है। डीसी ऑफिस पहुंचे पेरेंट्स ने गुहार लगाई कि केंद्र सरकार की ओर से बच्चों को लाने के लिए फ्लाइट्स तो चलाई जाएं।यूक्रेन में फंसे अपने बच्चों की फोटो और जानकारी देते अभिभावक।यूक्रेन से लौटी युक्ता ने चलाया अभियानयुक्ता ने बताया कि उन्होंने एक वॉट्सऐप ग्रुप बनाकर सभी को इकट्ठा किया है और अब हर सूचना एक दूसरे से शेयर की जा रही है। वह खुद 24 फरवरी को ही अमृतसर पहुंची है और उसके बाद युक्रेन के हालात और भी खराब हो गए हैं। युक्ता ने बताया कि अमृतसर और पंजाब के ज्यादातर बच्चे यूक्रेन के खारकिव में ही हैं और वहां के कालेज के होस्टल में बने बंकर में एक साथ रह रहे हैं।अमृतसर में जानकारी देते अभिभावक।एयरबेस तक नहीं पहुंच पा रहे युवाफिलहाल कालेज प्रबंधन खाने पीने का इंतजाम कर रहा है, लेकिन अब बच्चे पूरी तरह से डरे हुए हैं। डा. अनुराग ने बताया कि उनका भाई यूक्रेन में है और वह अब बात भी कम होती है क्योंकि इंटरनेट भी काम नहीं कर रहा। वह अब सुबह डीसी दफ्तर यही गुहार लेकर आए थे कि बच्चों से संपर्क किया जाए। उन्हें बताया जाए कि वह खारकिव से पास के एयरबेस में कैसे पहुंचे।उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से फ्लाइट्स तो चलाई गई हैं, लेकिन उन फ्लाइट्स तक छात्रों का खुद से पहुंचना मुश्किल हो गया है। डीसी ऑफिस में उन्हें डीआरओ से मुलाकात के बाद कंट्रोल रुम में सारी डिटेल लिखवाने के लिए कहा गया।

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