CG में 24 घंटे से आदिवासियों का हाईवे जाम:विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज मंडावी के साथ प्रतिनिधि मंडल रायपुर रवाना; बस्तर विधायकों संग CM करेंगे मुलाकात

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धमतरी2 घंटे पहले

छत्तीसगढ़ में आदिवासी समाज का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा है। विभिन्न मांगों को लेकर आक्रोशित ग्रामीणों ने पिछले 24 घंटे से धमतरी में नेशनल हाईवे-30 को जाम कर रखा है। ग्रामीण सारी रात वहीं डटे रहे। वहीं सड़क किनारे खाना बनाया-खाया और सोए। अब शुक्रवार को विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज मंडावी के साथ एक प्रतिनिधि मंडल रायपुर के लिए रवाना हुआ है। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल उनसे मुलाकात करेंगे।

कांकेर से पदयात्रा कर रायपुर में विधानसभा घेराव करने सैंकड़ों आदिवासी गुरुवार सुबह बालोद जिले के राजा राव पठार के पास पहुंच गए थे। पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया, लेकिन प्रदर्शनकारी बैरिगेट तोड़ कर आगे बढ़ गए। इसके बाद धमतरी की सीमा में प्रवेश कर चिटौद तक पहुंच गए। प्रदर्शनकारियों के चलते जाम के हालात हैं। हालांकि, छोटे वाहनों के लिए रास्ता खोल दिया गया है, लेकिन ट्रक और बड़े वाहन अभी फंसे हुए हैं।

इस दौरान विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज मंडावी मौके पर पहुंचे और समझाने का प्रयास किया, लेकिन घंटों की मशक्कत के बावजूद आदिवासी मानने के लिए तैयार नहीं हुए। इसके बाद शुक्रवार सुबह फिर से मनोज मंडावी आदिवासियों से वार्ता के लिए पहुंचे थे। इसके बाद एक प्रतिनिधि मंडल को लेकर रायपुर निकले हैं। बताया जा रहा है कि रायपुर में बस्तर के सभी विधायकों के साथ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल प्रतिनिधि मंडल से वार्ता करेंगे।

आदिवासियों को रोकने 7 किमी में 10 बैरिकेट, और फोर्स बुलाई गई

एक ओर जहां आदिवासी प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री से मुलाकात के लिए रायपुर रवाना हुआ है, वहीं दूसरी ओर उन्हें आगे बढ़ने से रोकने के लिए पुलिस और प्रशासन ने इंतजाम सख्त कर दिए हैं। पुलिस ने 7 किमी के दायरे में 10 बैरिकेट लगाए हैं, जिससे आदिवासियों को रायपुर जाने से रोका जा सके। इसके साथ ही अलग-अलग जिलों से 5 हजार जवान बुलाकर तैनात किए गए हैं। वहीं दूसरी ओर आदिवासियों का कहना है कि वह रायपुर जाने के लिए तैयार हैं। अगर वार्ता में हल नहीं निकला तो वह फिर आगे बढ़ेंगे।

आदिवासी समाज की ये है मांगें

  • सरकेगुड़ा, एडसमेटा, न्यायिक जांच रिपोर्ट सार्वजनिक कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
  • बस्तर में पुलिस कैंप बंद हों।
  • फर्जी मुठभेड़, मामलों में गिरफ्तारी बंद हो। जेलों में बंद निर्दोष आदिवासियों की तुरंत रिहाई, संविधान सम्मत पेसा कानून धारा 4(घ) एवं 4 (ण) के तहत हर गांव में ‘ग्राम सरकार’ एवं हर जिले में ‘जिला सरकार ‘ गठन की प्रशासकीय व्यवस्था लागू हो।
  • संविधान के 5वीं अनुसूची के पैरा 5(2) के तहत अनुसूचित क्षेत्र में भू-अधिग्रहण एवं भू-हस्तांतरण को विनियमित करने के लिए “आंध्र प्रदेश अनुसूचित क्षेत्र भू-हस्तांतरण विनियम कानून,( संशोधित)1970 के तर्ज पर छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता में संशोधन कर कानून बने। ग्रामसभा के निर्णय का पालन हो।
  • बिना ग्रामसभा सहमति के किसी भी कानून से किसी भी परियोजना के लिए जारी भूमि अधिग्रहण निरस्त हो।
  • मौलिक अधिकारों को हनन करने वाले “छत्तीसगढ़ जन सुरक्षा अधिनियम 2005 को खारिज किया जाए।
  • अनुसूचित इलाकों में ग्राम पंचायतों को अनारक्षित घोषणा करना बंद हो। अनुसूचित क्षेत्र में संविधान का अनुच्छेद 243 (य, ग) का पालन करते हुए सारे गैर-कानूनी नगर पंचायतों, नगर पालिका को भंग करते हुए पैसा कानून के तहत पंचायती व्यवस्था लागू करें।

50 गाड़ियों में पहुंचे थे 2 हजार से ज्यादा लोग
बुधवार शाम को लगभग 50 गाड़ियों में समाज के 2 हजार से ज्यादा लोग राजाराव पठार पहुंच गए थे। गुरुवार को सुबह गुरूर TI रोहित मालेकर लोगों से चर्चा करने पहुंचे थे, लेकिन आदिवासी रायपुर जाने पर अड़े रहे।

धमतरी2 घंटे पहलेकॉपी लिंकवीडियोछत्तीसगढ़ में आदिवासी समाज का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा है। विभिन्न मांगों को लेकर आक्रोशित ग्रामीणों ने पिछले 24 घंटे से धमतरी में नेशनल हाईवे-30 को जाम कर रखा है। ग्रामीण सारी रात वहीं डटे रहे। वहीं सड़क किनारे खाना बनाया-खाया और सोए। अब शुक्रवार को विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज मंडावी के साथ एक प्रतिनिधि मंडल रायपुर के लिए रवाना हुआ है। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल उनसे मुलाकात करेंगे।कांकेर से पदयात्रा कर रायपुर में विधानसभा घेराव करने सैंकड़ों आदिवासी गुरुवार सुबह बालोद जिले के राजा राव पठार के पास पहुंच गए थे। पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया, लेकिन प्रदर्शनकारी बैरिगेट तोड़ कर आगे बढ़ गए। इसके बाद धमतरी की सीमा में प्रवेश कर चिटौद तक पहुंच गए। प्रदर्शनकारियों के चलते जाम के हालात हैं। हालांकि, छोटे वाहनों के लिए रास्ता खोल दिया गया है, लेकिन ट्रक और बड़े वाहन अभी फंसे हुए हैं।इस दौरान विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज मंडावी मौके पर पहुंचे और समझाने का प्रयास किया, लेकिन घंटों की मशक्कत के बावजूद आदिवासी मानने के लिए तैयार नहीं हुए। इसके बाद शुक्रवार सुबह फिर से मनोज मंडावी आदिवासियों से वार्ता के लिए पहुंचे थे। इसके बाद एक प्रतिनिधि मंडल को लेकर रायपुर निकले हैं। बताया जा रहा है कि रायपुर में बस्तर के सभी विधायकों के साथ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल प्रतिनिधि मंडल से वार्ता करेंगे।आदिवासियों को रोकने 7 किमी में 10 बैरिकेट, और फोर्स बुलाई गईएक ओर जहां आदिवासी प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री से मुलाकात के लिए रायपुर रवाना हुआ है, वहीं दूसरी ओर उन्हें आगे बढ़ने से रोकने के लिए पुलिस और प्रशासन ने इंतजाम सख्त कर दिए हैं। पुलिस ने 7 किमी के दायरे में 10 बैरिकेट लगाए हैं, जिससे आदिवासियों को रायपुर जाने से रोका जा सके। इसके साथ ही अलग-अलग जिलों से 5 हजार जवान बुलाकर तैनात किए गए हैं। वहीं दूसरी ओर आदिवासियों का कहना है कि वह रायपुर जाने के लिए तैयार हैं। अगर वार्ता में हल नहीं निकला तो वह फिर आगे बढ़ेंगे।आदिवासी समाज की ये है मांगेंसरकेगुड़ा, एडसमेटा, न्यायिक जांच रिपोर्ट सार्वजनिक कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।बस्तर में पुलिस कैंप बंद हों।फर्जी मुठभेड़, मामलों में गिरफ्तारी बंद हो। जेलों में बंद निर्दोष आदिवासियों की तुरंत रिहाई, संविधान सम्मत पेसा कानून धारा 4(घ) एवं 4 (ण) के तहत हर गांव में ‘ग्राम सरकार’ एवं हर जिले में ‘जिला सरकार ‘ गठन की प्रशासकीय व्यवस्था लागू हो।संविधान के 5वीं अनुसूची के पैरा 5(2) के तहत अनुसूचित क्षेत्र में भू-अधिग्रहण एवं भू-हस्तांतरण को विनियमित करने के लिए “आंध्र प्रदेश अनुसूचित क्षेत्र भू-हस्तांतरण विनियम कानून,( संशोधित)1970 के तर्ज पर छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता में संशोधन कर कानून बने। ग्रामसभा के निर्णय का पालन हो।बिना ग्रामसभा सहमति के किसी भी कानून से किसी भी परियोजना के लिए जारी भूमि अधिग्रहण निरस्त हो।मौलिक अधिकारों को हनन करने वाले “छत्तीसगढ़ जन सुरक्षा अधिनियम 2005 को खारिज किया जाए।अनुसूचित इलाकों में ग्राम पंचायतों को अनारक्षित घोषणा करना बंद हो। अनुसूचित क्षेत्र में संविधान का अनुच्छेद 243 (य, ग) का पालन करते हुए सारे गैर-कानूनी नगर पंचायतों, नगर पालिका को भंग करते हुए पैसा कानून के तहत पंचायती व्यवस्था लागू करें।50 गाड़ियों में पहुंचे थे 2 हजार से ज्यादा लोगबुधवार शाम को लगभग 50 गाड़ियों में समाज के 2 हजार से ज्यादा लोग राजाराव पठार पहुंच गए थे। गुरुवार को सुबह गुरूर TI रोहित मालेकर लोगों से चर्चा करने पहुंचे थे, लेकिन आदिवासी रायपुर जाने पर अड़े रहे।

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