दिल्ली व आसपास के यात्रियों के लिए परिवहन की बेहतर सेवा की कार्ययोजना तैयार; बस और आटो की सुविधा बढ़ेगी

दिल्ली व आसपास के यात्रियों के लिए परिवहन की बेहतर सेवा की कार्ययोजना तैयार; बस और आटो की सुविधा बढ़ेगी

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राज्यों को करनी होगी ये तैयारियां :- पंजीकृत वाहनों के लिए सिग्नल सिस्टम बेहतर बनाएंगे, राज्यों की सीमा पार करने वाले आटो का रंग अलग होगा, मोटरवाहन अधिनियम का सख्ती से पालन करना होगा तथा सात साल में ई-चार्जिंग और सीएनजी स्टेशन स्थापित करने होंगे।

दिल्ली-एनसीआर के यात्रियों को जल्द ही बस व आटो की कमी से होने वाले झंझट से मुक्ति मिलेगी। इसके लिए दिल्ली समेत आसपास के राज्यों की सार्वजनिक वाहनों की विस्तृत कार्य योजना तैयार है। सभी राज्यों से आटो- बस सेवा उपलब्ध कराई जाएगी। राज्यों के लिए इन सार्वजनिक वाहनों की संख्या भी तय कर दी गई है, इसकी अधिसूचना दिल्ली सरकार ने जारी की है। अब एक माह तक आम जनता से इस योजना पर राय ली जाएगी। रायशुमारी के बाद यह व्यवस्था लागू होगी।

योजना को मंजूरी मिलती है तो यात्रियों के लिए दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश से पांच-पांच हजार बसें चलाई जाएंगी, जबकि राजस्थान व हरियाणा के बीच 500-500 बसों का संचालन दोनों राज्यों की तरफ से किया जाएगा। ये सुविधा यात्रियों को राज्यों के बस अड्डे से उपलब्ध होगी। खास बात यह है कि प्रदूषण से बचाने पर खास जोर दिया जा रहा है।

सीमावर्ती इलाकों में आने-जाने के लिए आटो संख्या भी बढ़ेगी। इसका प्रावधान भी इस अधिसूचना में किया गया है। प्रावधान के तहत दिल्ली- उत्तर के बीच दोनों तक पांच- पांच हजार आटो की अनुमति होगी।

इसी प्रकार यह व्यवस्था दिल्ली हरियाणा के बीच भी होगी। जबकि उत्तर प्रदेश – हरियाणा के बीच 1000-1000 आटो चलेंगे और राजस्थान- हरियाणा में यह संख्या 500 तक समिति की गई है।

यात्रियों की सुविधा के लिए दिल्ली से लगे आसपास के राज्यों की सरकारों के माध्यम से परिवहन सेवाएं उपलब्ध कराई जाती है। इसके लिए आपसी करार के तहत वाहनों के लिए राज्य सरकार परमिट जारी करती हैं ताकि बिना किसी रोक टोक के बसों का संचालन किया जा सके।

उधर, डीडीएमए की ओर से जारी आदेशों में कहा गया है कि स्कूलों में भोजन और किताबें साझा नहीं किए जा सकेंगे तथा चेहरे पर मास्क पहनना अनिवार्य होगा। स्कूलों को ध्यान रखना होगा कि एक बार में 50 फीसद से अधिक उपस्थिति नहीं हो। ‘दो पाली में चलने वाले स्कूलों में पहली पाली के खत्म होने और दूसरी पाली आरंभ होने के बीच कम से कम एक घंटे का अंतर होना चाहिए। इसी तरह अन्य सभी शैक्षणिक संस्थानों को भी बैच और पालियों में अंतराल को कायम रखना होगा।’

राज्यों को करनी होगी ये तैयारियां :- पंजीकृत वाहनों के लिए सिग्नल सिस्टम बेहतर बनाएंगे, राज्यों की सीमा पार करने वाले आटो का रंग अलग होगा, मोटरवाहन अधिनियम का सख्ती से पालन करना होगा तथा सात साल में ई-चार्जिंग और सीएनजी स्टेशन स्थापित करने होंगे। दिल्ली-एनसीआर के यात्रियों को जल्द ही बस व आटो की कमी से होने वाले झंझट से मुक्ति मिलेगी। इसके लिए दिल्ली समेत आसपास के राज्यों की सार्वजनिक वाहनों की विस्तृत कार्य योजना तैयार है। सभी राज्यों से आटो- बस सेवा उपलब्ध कराई जाएगी। राज्यों के लिए इन सार्वजनिक वाहनों की संख्या भी तय कर दी गई है, इसकी अधिसूचना दिल्ली सरकार ने जारी की है। अब एक माह तक आम जनता से इस योजना पर राय ली जाएगी। रायशुमारी के बाद यह व्यवस्था लागू होगी। योजना को मंजूरी मिलती है तो यात्रियों के लिए दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश से पांच-पांच हजार बसें चलाई जाएंगी, जबकि राजस्थान व हरियाणा के बीच 500-500 बसों का संचालन दोनों राज्यों की तरफ से किया जाएगा। ये सुविधा यात्रियों को राज्यों के बस अड्डे से उपलब्ध होगी। खास बात यह है कि प्रदूषण से बचाने पर खास जोर दिया जा रहा है। सीमावर्ती इलाकों में आने-जाने के लिए आटो संख्या भी बढ़ेगी। इसका प्रावधान भी इस अधिसूचना में किया गया है। प्रावधान के तहत दिल्ली- उत्तर के बीच दोनों तक पांच- पांच हजार आटो की अनुमति होगी। इसी प्रकार यह व्यवस्था दिल्ली हरियाणा के बीच भी होगी। जबकि उत्तर प्रदेश – हरियाणा के बीच 1000-1000 आटो चलेंगे और राजस्थान- हरियाणा में यह संख्या 500 तक समिति की गई है। यात्रियों की सुविधा के लिए दिल्ली से लगे आसपास के राज्यों की सरकारों के माध्यम से परिवहन सेवाएं उपलब्ध कराई जाती है। इसके लिए आपसी करार के तहत वाहनों के लिए राज्य सरकार परमिट जारी करती हैं ताकि बिना किसी रोक टोक के बसों का संचालन किया जा सके। उधर, डीडीएमए की ओर से जारी आदेशों में कहा गया है कि स्कूलों में भोजन और किताबें साझा नहीं किए जा सकेंगे तथा चेहरे पर मास्क पहनना अनिवार्य होगा। स्कूलों को ध्यान रखना होगा कि एक बार में 50 फीसद से अधिक उपस्थिति नहीं हो। ‘दो पाली में चलने वाले स्कूलों में पहली पाली के खत्म होने और दूसरी पाली आरंभ होने के बीच कम से कम एक घंटे का अंतर होना चाहिए। इसी तरह अन्य सभी शैक्षणिक संस्थानों को भी बैच और पालियों में अंतराल को कायम रखना होगा।’

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