36 हजार करोड़ की लागत से बनेगा देश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे, मोदी रखेंगे आधारशिला, जानें खास बातें

36 हजार करोड़ की लागत से बनेगा देश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे, मोदी रखेंगे आधारशिला, जानें खास बातें

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गंगा एक्सप्रेसवे दिसंबर 2024 तक बनकर तैयार होने का अनुमान है। यह एक्सप्रेसवे 12 जनपद मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज से होकर गुजरेगा।

प्रधानमंत्री मोदी आज उत्तरप्रदेश के शाहजहांपुर में गंगा एक्सप्रेसवे की आधारशिला रखेंगे। यह एक्सप्रेसवे करीब 594 किलोमीटर लंबा होगा और इसमें 36,200 करोड़ से अधिक की लागत आएगी। यह एक्सप्रेसवे मेरठ से प्रयागराज को जोड़ेगा। छह लेन वाला इस एक्सप्रेसवे से दिल्ली एवं लखनऊ जैसे बड़े शहर उत्तरप्रदेश के अधिकांश हिस्सों से बेहतर तरीके से जुड़ेंगे।

गंगा एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के पूर्वी क्षेत्र को पश्चिमी क्षेत्र से जोड़ेगा। गंगा एक्सप्रेसवे दिसंबर 2024 तक बनकर तैयार होने का अनुमान है। यह एक्सप्रेसवे 12 जनपद मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज से होकर गुजरेगा। इस एक्सप्रेसवे के लिए लगभग 94 प्रतिशत जमीन का अधिग्रहण किया जा चुका है।

गंगा एक्सप्रेसवे में करीब सात रेलवे ओवरब्रिज, 14 बड़े पुल, 126 छोटे पुल, 375 अंडरपास बनाए जाएंगे। साथ ही इसमें करीब दो टोल प्लाजा और 15 रैंप टोल प्लाजा होगा। इस एक्सप्रेसवे में करीब साढ़े तीन किलोमीटर लंबी हवाई पट्टी भी होगी। ताकि वायुसेना के विमानों की आपातकालीन लैंडिंग और टेकऑफ में सहायता मिल सके। एक्सप्रेसवे पर यात्रियों की सुविधा के लिए 9 जन सुविधा काम्प्लेक्स भी बनाए जायेंगे।

इस एक्सप्रेसवे के किनारे 18 लाख 55 हजार पेड़ लगाए जाएंगे। सरकार के अनुसार इस एक्सप्रेसवे से औद्योगिक विकास, व्यापार, कृषि, पर्यटन आदि क्षेत्रों को बढ़ावा मिलेगा। इससे उत्तरप्रदेश के सामजिक और आर्थिक विकास में भी बढ़ावा मिलेगा। यह कई जिलों के प्रस्तावित इंडस्ट्रियल कॉरिडोर को भी जोड़ेगा। साथ ही इससे कई पौराणिक और दर्शनीय स्थल पर भी जुड़ेंगे। 

बता दें कि गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना को सबसे पहले मायावती सरकार में लांच किया गया था। लेकिन 2017 में योगी आदित्यनाथ की सरकार आने के बाद ही इसपर काम शुरू हुआ। इसी साल नवंबर महीने में पर्यावरण मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद उत्तरप्रदेश सरकार ने इसके बजट की मंजूरी दी। बता दें कि उत्तरप्रदेश में एक और एक्सप्रेसवे बनाने की योजना है। यह एक्सप्रेसवे वाराणसी से कोलकाता को जोड़ेगा। हालांकि अभी तक इसपर कोई काम शुरू नहीं हुआ है

गंगा एक्सप्रेसवे दिसंबर 2024 तक बनकर तैयार होने का अनुमान है। यह एक्सप्रेसवे 12 जनपद मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज से होकर गुजरेगा। प्रधानमंत्री मोदी आज उत्तरप्रदेश के शाहजहांपुर में गंगा एक्सप्रेसवे की आधारशिला रखेंगे। यह एक्सप्रेसवे करीब 594 किलोमीटर लंबा होगा और इसमें 36,200 करोड़ से अधिक की लागत आएगी। यह एक्सप्रेसवे मेरठ से प्रयागराज को जोड़ेगा। छह लेन वाला इस एक्सप्रेसवे से दिल्ली एवं लखनऊ जैसे बड़े शहर उत्तरप्रदेश के अधिकांश हिस्सों से बेहतर तरीके से जुड़ेंगे। गंगा एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के पूर्वी क्षेत्र को पश्चिमी क्षेत्र से जोड़ेगा। गंगा एक्सप्रेसवे दिसंबर 2024 तक बनकर तैयार होने का अनुमान है। यह एक्सप्रेसवे 12 जनपद मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज से होकर गुजरेगा। इस एक्सप्रेसवे के लिए लगभग 94 प्रतिशत जमीन का अधिग्रहण किया जा चुका है। गंगा एक्सप्रेसवे में करीब सात रेलवे ओवरब्रिज, 14 बड़े पुल, 126 छोटे पुल, 375 अंडरपास बनाए जाएंगे। साथ ही इसमें करीब दो टोल प्लाजा और 15 रैंप टोल प्लाजा होगा। इस एक्सप्रेसवे में करीब साढ़े तीन किलोमीटर लंबी हवाई पट्टी भी होगी। ताकि वायुसेना के विमानों की आपातकालीन लैंडिंग और टेकऑफ में सहायता मिल सके। एक्सप्रेसवे पर यात्रियों की सुविधा के लिए 9 जन सुविधा काम्प्लेक्स भी बनाए जायेंगे। इस एक्सप्रेसवे के किनारे 18 लाख 55 हजार पेड़ लगाए जाएंगे। सरकार के अनुसार इस एक्सप्रेसवे से औद्योगिक विकास, व्यापार, कृषि, पर्यटन आदि क्षेत्रों को बढ़ावा मिलेगा। इससे उत्तरप्रदेश के सामजिक और आर्थिक विकास में भी बढ़ावा मिलेगा। यह कई जिलों के प्रस्तावित इंडस्ट्रियल कॉरिडोर को भी जोड़ेगा। साथ ही इससे कई पौराणिक और दर्शनीय स्थल पर भी जुड़ेंगे।  बता दें कि गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना को सबसे पहले मायावती सरकार में लांच किया गया था। लेकिन 2017 में योगी आदित्यनाथ की सरकार आने के बाद ही इसपर काम शुरू हुआ। इसी साल नवंबर महीने में पर्यावरण मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद उत्तरप्रदेश सरकार ने इसके बजट की मंजूरी दी। बता दें कि उत्तरप्रदेश में एक और एक्सप्रेसवे बनाने की योजना है। यह एक्सप्रेसवे वाराणसी से कोलकाता को जोड़ेगा। हालांकि अभी तक इसपर कोई काम शुरू नहीं हुआ है

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