

सुकेश चंद्रशेखर जेल से फोन कर रहा था
नई दिल्ली :
एक पूर्व अरबपति जेल में है. उसकी पत्नी, पति की जमानत (बेल) के लिए भुगतान को लेकर घंटों का समय चर्चा में बिताती है. पत्नी को लगता है कि उसकी बातचीत, देश के गृह सचिव सहित वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हो रही है. वह गृह मंत्री के साथ बैठक के लिए भी कहती है और उसे बताया जाता है कि यदि उसका सहयोग मिला तो यह उचित समय पर (बैठक) होगी. वांछित परिणाम के बिना ही वह किए जाने वाले भुगतान के बारे में चर्चा करती है. वह अपनी ओर से पार्टी फंड में दी जाने वाली राशि को लेकर चर्चा करती है.
इस महिला को यह पता लगाने में कई माह लगते हैं कि उसकी बातचीत जेल में बंद एक बहरूपिये (Impersonator)से हुई और उसके साथ करोड़ों रुपये का घोटाला किया गया. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से जुलाई में अलर्ट किए जाने के बाद इस महिला ने बातचीत को रिकॉर्ड करना शुरू कर दिया. बाद में उसने इस चैट्स को इडी को सौंपा. इसने 200 करोड़ रुपये की जबरन वसूली और घोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए दिल्ली पुलिस के समक्ष केस दर्ज कराया.
यह कहानी कई ट्विस्ट से भरी है क्योंकि जो आदमी इस महिला को कॉल कर रहा था वह जेल से ऐसा कर रहा था. एक सेलफोन तक उसकी पहुंच थी और उसने ऐसे साफ्टवेयर का इस्तेमाल किया था जो कि शीर्ष अधिकारियों के फोन नंबर ‘spoof’ करने की इजाजत दे रहा था. इन रिकॉर्डिंग्स में से 84 प्रवर्तन निदेशालय की ओर से दिल्ली कोर्ट में सौंपी गई हैं ताकि सुकेश चंद्रशेखर पर शिकंजा कसा जा सके, जो कि वर्ष 2017 से जेल में है.
जिस महिला ने इस ‘स्टिंग’ में मदद की, वह अदिति सिंह है जिनके पति शिविंदर सिंह, जो कि एक समय अपने भाई मालविंदर सिंह के साथ एक बड़ी फार्मा कंपनी रैनबेक्सी के को -ओनर (सह मालिक) थे. शिविंदर को वर्ष 2019 में मनी लांड्रिंग के आरोप में अरेस्ट किया गया था.
शिविंदर को वर्ष 2019 में मनी लांड्रिंग के आरोप में अरेस्ट किया गया था
सुकेश जिन सरकारी अफसरों का ‘रूप धरकर’ फोन पर बात कर रहा था, उसमें से किसी ने पुलिस में शिकायत दर्ज नहीं कराई है क्योंकि 200 करोड़ की ‘डील’ का कोई भी हिस्सा सरकारी अधिकारी को नहीं दियाा गया था और मामले में कोई ‘घूस’ शामिल नहीं थी.आदित सिंह का पुलिस केस, सुकेश चंद्रशेखर के खिलाफ फाइल है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि उसे 200 करोड़ रुपये भुगतान करने की धमकी दी गई थी. NDTV ने उनसे कमेंट के लिए संपर्क किया और इस रिपोर्ट को अदिति या अदिति के वकील की प्रतिक्रिया मिलने के बाद अपडेट किया जाएगा.
जून 2020 में अदिति सिंह ने उनसे बात करना शुरू किया जो उसे लगता था कि वे वरिष्ठ सरकारी अधिकारी है. सुकेश चंद्रशेखर अपनी ‘नकली पहचान’ को लेकर भी काफी विश्वास से भरा था. उसने गृह मंत्रालय के शीर्ष नौकरशाह अजय भल्ला, देश के विधि सचिव अनूप कुमार और कानून मंत्रालय के जूनियर ऑफिसर ‘अभिनव’ के तौर पर अदिति से कुछ बातचीत की. सुकेश और अदिति सिंह के फोन्स उनसे जुड़े अलग-अलग मामलों में टैप किए गए थे. इनकी बातचीत 11 माह से अधिक समय तक चली. जांचकर्ताओं के अनुसार, बाद की बातचीत को अदिति ने रिकॉर्ड किया था. उनकी बहन अरुंधति खन्ना भी टैप पर पेमेंट को लेकर चर्चा कर रही हैं.
अपने अलग अलग ‘अवतारों’ में सुकेश चंद्रशेखर, सुप्रीम कोर्ट में जमानत की सुनवाई का हवाला देता है और उससे पहले पेमेंट की मांग करता है. अदिति की बहन, अरुंधति, अदालत की कार्यवाही को लेकर इस सीधे संदर्भ को लेकर ‘परेशानी’ (discomfort) महसू करती है और कहती हैं, ‘यदि तुम मुझ पर इतना दबाव बनाओगे तो मैं काम नहीं कर सकती, मैं तुम्हे पहले भी यह कह चुकी हूं और तुम पहले भी ऐसा कर चुके हैं. इससे केवल परेशानी और केवल परेशानी ही होगी. हमें नहीं पता कि तुम इस राशि का किसके लिए उपयोग कर रहे हूं. मैंने तुमसे यह कभी नहीं पूछा और न ही मुझे बताया गया है. मैं यह जानना भी नहीं चाहती क्योंकि यह हम पार्टी फंड के लिए दे रहे हैं. हम डोनेशन दे रहे हैं. तुम इस डोनेशन का किसके लिए इस्तेमाल कर रहे हो? इसे आप चुनाव के लिए इस्तेमाल करते हो या गंगा में बहाने के लिए या फिर पेड़ लगाने के लिए- यह पूरी तरह तुम्हारे ऊपर है. हमें यह नहीं पता, इसलिए हम नहीं पूछते.’
सुकेश चंद्रशेखर जेल से फोन कर रहा थानई दिल्ली : एक पूर्व अरबपति जेल में है. उसकी पत्नी, पति की जमानत (बेल) के लिए भुगतान को लेकर घंटों का समय चर्चा में बिताती है. पत्नी को लगता है कि उसकी बातचीत, देश के गृह सचिव सहित वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हो रही है. वह गृह मंत्री के साथ बैठक के लिए भी कहती है और उसे बताया जाता है कि यदि उसका सहयोग मिला तो यह उचित समय पर (बैठक) होगी. वांछित परिणाम के बिना ही वह किए जाने वाले भुगतान के बारे में चर्चा करती है. वह अपनी ओर से पार्टी फंड में दी जाने वाली राशि को लेकर चर्चा करती है. इस महिला को यह पता लगाने में कई माह लगते हैं कि उसकी बातचीत जेल में बंद एक बहरूपिये (Impersonator)से हुई और उसके साथ करोड़ों रुपये का घोटाला किया गया. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से जुलाई में अलर्ट किए जाने के बाद इस महिला ने बातचीत को रिकॉर्ड करना शुरू कर दिया. बाद में उसने इस चैट्स को इडी को सौंपा. इसने 200 करोड़ रुपये की जबरन वसूली और घोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए दिल्ली पुलिस के समक्ष केस दर्ज कराया. यह कहानी कई ट्विस्ट से भरी है क्योंकि जो आदमी इस महिला को कॉल कर रहा था वह जेल से ऐसा कर रहा था. एक सेलफोन तक उसकी पहुंच थी और उसने ऐसे साफ्टवेयर का इस्तेमाल किया था जो कि शीर्ष अधिकारियों के फोन नंबर ‘spoof’ करने की इजाजत दे रहा था. इन रिकॉर्डिंग्स में से 84 प्रवर्तन निदेशालय की ओर से दिल्ली कोर्ट में सौंपी गई हैं ताकि सुकेश चंद्रशेखर पर शिकंजा कसा जा सके, जो कि वर्ष 2017 से जेल में है.जिस महिला ने इस ‘स्टिंग’ में मदद की, वह अदिति सिंह है जिनके पति शिविंदर सिंह, जो कि एक समय अपने भाई मालविंदर सिंह के साथ एक बड़ी फार्मा कंपनी रैनबेक्सी के को -ओनर (सह मालिक) थे. शिविंदर को वर्ष 2019 में मनी लांड्रिंग के आरोप में अरेस्ट किया गया था. शिविंदर को वर्ष 2019 में मनी लांड्रिंग के आरोप में अरेस्ट किया गया थासुकेश जिन सरकारी अफसरों का ‘रूप धरकर’ फोन पर बात कर रहा था, उसमें से किसी ने पुलिस में शिकायत दर्ज नहीं कराई है क्योंकि 200 करोड़ की ‘डील’ का कोई भी हिस्सा सरकारी अधिकारी को नहीं दियाा गया था और मामले में कोई ‘घूस’ शामिल नहीं थी.आदित सिंह का पुलिस केस, सुकेश चंद्रशेखर के खिलाफ फाइल है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि उसे 200 करोड़ रुपये भुगतान करने की धमकी दी गई थी. NDTV ने उनसे कमेंट के लिए संपर्क किया और इस रिपोर्ट को अदिति या अदिति के वकील की प्रतिक्रिया मिलने के बाद अपडेट किया जाएगा. जून 2020 में अदिति सिंह ने उनसे बात करना शुरू किया जो उसे लगता था कि वे वरिष्ठ सरकारी अधिकारी है. सुकेश चंद्रशेखर अपनी ‘नकली पहचान’ को लेकर भी काफी विश्वास से भरा था. उसने गृह मंत्रालय के शीर्ष नौकरशाह अजय भल्ला, देश के विधि सचिव अनूप कुमार और कानून मंत्रालय के जूनियर ऑफिसर ‘अभिनव’ के तौर पर अदिति से कुछ बातचीत की. सुकेश और अदिति सिंह के फोन्स उनसे जुड़े अलग-अलग मामलों में टैप किए गए थे. इनकी बातचीत 11 माह से अधिक समय तक चली. जांचकर्ताओं के अनुसार, बाद की बातचीत को अदिति ने रिकॉर्ड किया था. उनकी बहन अरुंधति खन्ना भी टैप पर पेमेंट को लेकर चर्चा कर रही हैं. अपने अलग अलग ‘अवतारों’ में सुकेश चंद्रशेखर, सुप्रीम कोर्ट में जमानत की सुनवाई का हवाला देता है और उससे पहले पेमेंट की मांग करता है. अदिति की बहन, अरुंधति, अदालत की कार्यवाही को लेकर इस सीधे संदर्भ को लेकर ‘परेशानी’ (discomfort) महसू करती है और कहती हैं, ‘यदि तुम मुझ पर इतना दबाव बनाओगे तो मैं काम नहीं कर सकती, मैं तुम्हे पहले भी यह कह चुकी हूं और तुम पहले भी ऐसा कर चुके हैं. इससे केवल परेशानी और केवल परेशानी ही होगी. हमें नहीं पता कि तुम इस राशि का किसके लिए उपयोग कर रहे हूं. मैंने तुमसे यह कभी नहीं पूछा और न ही मुझे बताया गया है. मैं यह जानना भी नहीं चाहती क्योंकि यह हम पार्टी फंड के लिए दे रहे हैं. हम डोनेशन दे रहे हैं. तुम इस डोनेशन का किसके लिए इस्तेमाल कर रहे हो? इसे आप चुनाव के लिए इस्तेमाल करते हो या गंगा में बहाने के लिए या फिर पेड़ लगाने के लिए- यह पूरी तरह तुम्हारे ऊपर है. हमें यह नहीं पता, इसलिए हम नहीं पूछते.’
