Omicron: दिल्ली सरकार ने सख्त किए नियम, इन देशों से आने वाले यात्रियों को अपने खर्च पर कराना होगा कोविड टेस्ट

Omicron: दिल्ली सरकार ने सख्त किए नियम, इन देशों से आने वाले यात्रियों को अपने खर्च पर कराना होगा कोविड टेस्ट

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Omicron: दिल्ली सरकार ने सख्त किए नियम, इन देशों से आने वाले यात्रियों को अपने खर्च पर कराना होगा कोविड टेस्ट

‘At Risk’ श्रेणी वाले देशों के अलावा दूसरे देशों से आ रहे यात्रियों पर इस तरह की कोई पाबंदी नहीं होगी

नई दिल्ली:

Omicron Variant of Coronavirus: दक्षिण अफ्रीका (South Africa) में मिले कोरोना संक्रमण के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के चलते भारत सरकार ने कोविड नियमों का सख्ती से पालन कराने के निर्देश दिए हैं. इस कड़ी में दिल्ली सरकार (DDMA) ने एयरपोर्ट पर ‘At Risk’ श्रेणी वाले देशों से आ रहे यात्रियों के लिए आदेश जारी किए हैं. जिसके मुताबिक ‘At Risk’ श्रेणी वाले देशों से आ रहे यात्रियों को एयरलाइंस सूचित करेंगी कि दिल्ली पहुंचकर यात्रियों की टेस्टिंग होगी. नेगेटिव आने पर उन्हें क्वॉरेंटाइन किया जाएगा और टेस्ट में पॉजिटिव आने पर सख्त आइसोलेशन में रखा जाएगा. दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरते ही सभी यात्री कोरोना टेस्ट के लिए सैंपल देंगे. इतना ही नहीं, इसका खर्चा भी यात्री खुद ही उठाएंगे. टेस्ट का नतीजा आने तक उन्हें इंतजार करना होगा.

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दिल्ली सरकार द्वारा जारी आदेशों के मुताबिक टेस्ट में नेगेटिव आने पर यात्रियों को 7 दिन होम क्वॉरेंटाइन किया जाएगा. इसके बाद आठवें दिन फिर से टेस्ट किया जाएगा. दोबारा नेगेटिव आने पर 7 दिन के लिए सेल्फ मॉनिटर करने को कहा जाएगा. अगर टेस्ट में यात्री पॉजिटिव आता है तो उसका सैंपल जिनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा जाएगा. ऐसे यात्रियों को एक अलग आइसोलेशन फैसिलिटी में रखा जाएगा. दिल्ली में इसके लिए लोक नायक जयप्रकाश हॉस्पिटल को चिन्हित किया गया है. DDMA का यह आदेश 1 दिसंबर से अगले आदेश तक लागू रहेगा.

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वहीं जो यात्री ‘At Risk’ श्रेणी वाले देशों के अलावा दूसरे देशों से आ रहे हैं, उन पर इस तरह की कोई पाबंदी नहीं होगी. उन्हें केवल 14 दिन के लिए सेल्फ मॉनिटर करने की सलाह दी जाएगी. लेकिन ऐसे कुल यात्रियों में से 5 फीसदी की एयरपोर्ट पर ही रेंडम टेस्टिंग की जाएगी. इस श्रेणी के यात्रियों की टेस्टिंग का खर्चा नागरिक उड्डयन मंत्रालय उठाएगा. ऐसे यात्रियों में अगर कोई पॉजिटिव पाया गया तो उसका सैंपल भी जिनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा जाएगा. वहीं 5 साल से कम उम्र वाले बच्चों को टेस्टिंग से छूट मिलेगी. हालांकि अगर बच्चों में लक्षण पाए गए तो उनका टेस्ट किया जाएगा और फिर रिपोर्ट आने पर आगे की कार्यवाही की जाएगी.

ये हैं ‘At Risk’ श्रेणी वाले देश

1. यूरोपियन देश जिनमें यूनाइटेड किंगडम भी शामिल है
2. साउथ अफ्रीका
3. ब्राजील 
4. बांग्लादेश 
5. बोत्सवाना 
6. चीन 
7. मॉरीशस 
8. न्यूजीलैंड 
9. जिंबाब्वे 
10. सिंगापुर 
11. हांगकांग 
12. इजरायल

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